नई सरकार के बनने के बाद देश के पहले पूर्ण आम बजट को आने में महज एक सप्ताह का ही समय रह गया है। वित्त मंत्री आगामी 23 जुलाई को आम बजट पेश करेंगी। बजट में भारतीय रेल के लिए कितनी रकम का प्रावधान यानी एलोकेशन होगा, इसका सबको इंतजार है। ऐसा माना जा रहा है कि सरकार रेलवे से जुड़े इन्फ्रास्ट्रक्चर को और मजबूत करने के लिए भी अलग से कुछ फंड की घोषणा कर सकती है। बीते कुछ समय से देखा गया है कि सरकार रेलवे के बुनियादी ढांचे के अलावा, सुरक्षा और सेवाओं को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित कर रही है। इसका मकसद देश भर में आर्थिक विकास और कनेक्टिविटी को बढ़ावा देना है।
पिछले कुछ वर्षों में रेलवे आवंटन
फाइनेंशियल एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, अंतरिम बजट 2024-25 में, भारतीय रेल को वित्त वर्ष 2024-25 के लिए 2.52 लाख करोड़ रुपये का पर्याप्त एलोकेशन मिला, जो वित्त वर्ष 2023-24 के लिए 2.41 खरब रुपये के पिछले बजटीय अनुमान से 5.8 प्रतिशत की ग्रोथ को दर्शाता है। इससे पीछे के सालों पर अगर नजर डाली जाए तो
वित्त वर्ष 2023-24: 2.40 लाख करोड़ रुपये
वित्त वर्ष 2022-23: 1.40 लाख करोड़ रुपये
वित्त वर्ष 2021-22: 1.10 लाख करोड़ रुपये
वित्त वर्ष 2020-21: 1.6 लाख करोड़ रुपये
वित्त वर्ष 2019-20: 1.58 लाख करोड़ रुपये
पहले रेल बजट का था प्रावधान
साल 2017 के पहले आम बजट से अलग रेल बजट भी पेश किया जाता था। तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली पहले ऐसे व्यक्ति थे जिन्होंने संयुक्त रेल और केन्द्रीय बजट पेश किया, जिससे एक लंबे समय से चली आ रही परंपरा खत्म हो गई। इससे पहले अर्थशास्त्री और भारत के पहले रेल मंत्री जॉन मथाई ने 1947 में पहला स्वतंत्र रेल बजट पेश किया था। अंतरिम बजट के बाद मथाई ने 24 फरवरी, 1948 को अपना दूसरा रेल बजट पेश किया था।