Tuesday, November 05, 2024
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Budget 2024: क्या सरकार निवेशकों को कैपिटल गेन टैक्स में देगी राहत? वित्त मंत्री से हैं ये उम्मीदें

उम्मीदें हैं कि घरेलू इक्विटी और म्यूचुअल फंड में एक समान होल्डिंग अवधि शुरू करके पूंजीगत लाभ कर संरचना को सरल बनाया जाएगा। इनकम टैक्स कानून के हिसाब से, चल और अचल दोनों तरह की पूंजीगत संपत्तियों की बिक्री से होने वाले लाभ पर कैपिटल गेन टैक्स चुकाना होता है।

Edited By: Sourabha Suman @sourabhasuman
Updated on: July 04, 2024 14:54 IST
अप्रैल 2023 के बाद निवेशकों के निवेश आवंटन में इक्विटी की तरफ झुकाव देखा गया है। - India TV Paisa
Photo:INDIA TV अप्रैल 2023 के बाद निवेशकों के निवेश आवंटन में इक्विटी की तरफ झुकाव देखा गया है।

नई एनडीए सरकार केंद्रीय बजट 2024 (पूर्ण बजट) पर जोर-शोर से काम कर रही है। इस बजट से इस बार हर किसी को काफी उम्मीदें हैं। जानकारों को उम्मीद है कि इस बार केंद्रीय बजट में सरकार निवेशकों को पूंजीगत लाभ कर (कैपिटल गेन टैक्स) के मामले में थोड़ी राहत जरूर दे सकती है। मनीकंट्रोल की खबर के मुताबिक, विशेषज्ञों का कहना है कि होल्डिंग अवधि को सुव्यवस्थित करने के लिए पूंजीगत लाभ व्यवस्था को तर्कसंगत और मानकीकृत करने से दरों में एकरूपता और दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ के लिए सूचीकरण के आधार वर्ष में बदलाव से निवेशकों को लाभ होगा। ऐसी उम्मीदें हैं कि घरेलू इक्विटी और म्यूचुअल फंड में एक समान होल्डिंग अवधि शुरू करके पूंजीगत लाभ कर संरचना को सरल बनाया जाएगा।

किस पर लगता है कैपिटल गेन टैक्स

इनकम टैक्स कानून के हिसाब से, चल और अचल दोनों तरह की पूंजीगत संपत्तियों की बिक्री से होने वाले लाभ पर कैपिटल गेन टैक्स चुकाना होता है। अलग-अलग प्रकार की संपत्तियों - जैसे इक्विटी, ऋण और रियल एस्टेट - पर अलग-अलग दरों और अवधियों पर टैक्स लगाया जाता है, जो यह निर्धारित करते हैं कि लाभ अल्पकालिक है या दीर्घकालिक। जानकारों को उम्मीद है कि सूचीबद्ध ऋण प्रतिभूतियों में प्रत्यक्ष निवेश और ऋण-उन्मुख म्यूचुअल फंड के जरिये समान उपकरणों में अप्रत्यक्ष निवेश के लिए टैक्स उपचार में समानता होगी।

फिलहाल सूचीबद्ध ऋण प्रतिभूतियों और शून्य-कूपन बॉन्ड (सूचीबद्ध या गैर-सूचीबद्ध) में 12 महीने से अधिक के लिए प्रत्यक्ष निवेश को दीर्घकालिक निवेश माना जाता है। दूसरी तरफ अगर निवेश ऋण-उन्मुख म्यूचुअल फंड योजना के माध्यम से किया जाता है, तो दीर्घकालिक निवेश होने के लिए होल्डिंग अवधि 36 महीने तक बढ़ जाती है।

अप्रैल 2023 के बाद इक्विटी की तरफ झुकाव

एक्सपर्ट मानते हैं कि अगर लोन म्यूचुअल फंड निवेश के लिए दीर्घकालिक होल्डिंग अवधि को घटाकर 12 महीने कर दिया जाता है, तो यह दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ कर संरचना को सरल बनाकर निवेशकों के लिए कैटेगरी को आकर्षक बना देगा। अप्रैल 2023 के बाद निवेशकों के निवेश आवंटन में इक्विटी की तरफ झुकाव देखा गया है।

मनीकंट्रोल की खबर के मुताबिक, एक्सपर्ट का कहना है कि हम निवेशकों को उनके निवेश सलाहकार की सलाह के आधार पर अपने पोर्टफोलियो में डेट इक्विटी मिक्स रखने में फायदा देख रहे हैं। यही वजह है कि डेट म्यूचुअल फंड के लिए कुछ टैक्स छूट की उम्मीद की जा सकती है। हम इक्विटी के लिए पूंजीगत लाभ कर पर यथास्थिति की उम्मीद करते हैं।

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