नई सरकार का पहला पूर्ण केंद्रीय बजट 23 जुलाई को पेश किया जाना है। यह बजट वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण संसद में पेश करेंगी। इससे पहले इसी साल आए अंतरिम बजट में लोकसभा चुनाव 2024 की वजह से सरकार नियमों के चलते बजट में कोई बड़ी घोषणा नहीं कर सकी थी। तब भी वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अंतरिम बजट पेश किया था, हालांकि उन्होंने तब कहा था कि अगर हम सरकार में आए तो पूर्ण बजट में सबकी पुकार सुनेंगे। अब सवाल यह है कि आगामी पूर्ण बजट में क्या वित्त मंत्री अपनी बातों को ग्राउंड जीरो पर उतार पाएंगी। क्या उनसे यह उम्मीद की जा सकती है? हर किसी को इसका इंतजार है। इकोनॉमिक टाइम्स की खबर के मुताबिक, सीतारमण ने कहा कि वह पूर्ण बजट में सभी आय वर्गों की मांगों को सुनेंगी, जिससे पूर्ण बजट में टैक्स राहत मिलने की उम्मीद बढ़ गई है।
अंतरिम बजट में क्या हुई थी घोषणाएं
देखा जाए तो अंतरिम बजट में टैक्स को लेकर कोई बड़ी घोषणा नहीं की गई थी। हालांकि,वित्त मंत्री ने आम आदमी पर केंद्रित कई पहलों की बात की थी। अंतरिम बजट में बेहतर स्वास्थ्य सेवा, मध्यम वर्ग के लिए आवास योजना का विस्तार, बिजली को और अधिक किफायती बनाने के लिए छतों पर सौर ऊर्जा का उपयोग जैसे कुछ उपाय किए गए। मध्यम वर्ग के लिए आवास योजना विशेष रूप से लोगों को अपना घर बनाने में मदद करने के लिए तैयार की गई है। सरकार ने पीएम आवास योजना के तहत तीन करोड़ के मौजूदा लक्ष्य में दो करोड़ से अधिक अतिरिक्त घर जोड़कर एक महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया है।
पूर्ण बजट में क्या हैं उम्मीदें
उम्मीद की जा रही है कि पूर्ण बजट में सरकार का ध्यान युवा, महिला, किसान और गरीबों पर केंद्रित रह सकता है। वित्त वर्ष 2024-25 के बजट में मध्यम वर्ग को खुश करने वाले उपायों में हाई स्टैंडर्ड डिडक्शन (उच्च मानक कटौती), टैक्स स्लैब में संभावित बदलाव, एनपीएस व्यवस्था के तहत गारंटी पेंशन, नई टैक्स व्यवस्था को और अधिक आकर्षक बनाने के लिए प्रोत्साहन और आवास को बढ़ावा देना शामिल हो सकते हैं। उम्मीद है कि मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल में एनपीएस में बड़ा सुधार हो सकता है। बजट में राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) में नामांकित केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों के लिए आखिरी मूल वेतन का 50% पेंशन के रूप में प्रदान किया जा सकता है।
20 लाख तक की इनकम पर मिले राहत
सीआईआई ने आगामी बजट में 20 लाख रुपये तक की इनकम पर टैक्स राहत का भी समर्थन किया है। इसके चलते मांग में तेजी आएगी। इकोनॉमिक टाइम्स के मुताबिक, सीआईआई ने कहा कि आरबीआई से मिलने वाली 2.1 लाख करोड़ रुपये की अप्रत्याशित राशि का एक हिस्सा पूंजीगत व्यय बढ़ाने में इस्तेमाल किया जा सकता है क्योंकि इससे निजी पूंजीगत व्यय बढ़ेगा और आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा जिससे अर्थव्यवस्था में मांग पैदा होगी।