Budget 2024 : जैसे-जैसे 1 फरवरी पास आती जा रही है, देश में बजट को लेकर चर्चाएं बढ़ती जा रही हैं। हर साल 1 फरवरी को देश का बजट पेश होता है। केंद्र सरकार की वित्त मंत्री इस बजट को पेश करती हैं। इस बार चुनावी साल होने के कारण वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पूर्ण बजट के बजाए अंतरिम बजट पेश करेंगी। जो नई सरकार चुनकर आएगी, उसकी पूर्ण बजट लाने की जिम्मेदारी होगी। लेकिन क्या आप जानते हैं कि बजट का मतलब क्या होता है और बजट का नाम कैसे पड़ा। इसके पीछे एक दिलचस्प किस्सा है। आइए जानते हैं।
बजट का नाम कैसे पड़ा?
बजट शब्द फ्रेंच भाषा के शब्द बूजे से आया है। बूजे का मतलब होता है छोटा थैला। अब आप कहेंगे कि यहां थैले का क्या रोल है और बजट का थैले से क्या संबंध है? दरअसल, साल 1733 में इंग्लैंड के पूर्व वित्त मंत्री सर रॉबर्ट वालपोल एक छोटे से थैले में बजट प्रपोजल के पेपर्स रखकर संसद गए थे। जब किसी ने उनसे पूछा कि इस थैले में क्या है, तो उन्होंने कहा कि इसमें आपके लिए बजट है। तभी से बजट नाम प्रचलित हो गया।
भारतीय संविधान में नहीं हुआ बजट शब्द का इस्तेमाल
आपको बता दें कि भारतीय संविधान में कहीं पर भी बजट शब्द का इस्तेमाल नहीं हुआ है। संविधान के अनुच्छेद 112 में इसे वार्षिक वित्तीय विवरण नाम दिया गया है। इस विवरण में सरकार पूरे साल के अपने अनुमानित खर्च और होने वाली आय का ब्योरा पेश करती है।
इस बार आएगा वोट ऑन अकाउंट
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कुछ समय पहले कहा था कि इस बार वे वोट ऑन अकाउंट बजट लेकर आएंगी। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 116 के अनुसार, वोट ऑन अकाउंट या लेखानुदान नया वित्त वर्ष शुरू होने तक अल्पकालिक व्यय आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए भारत की संचित निधि से सरकार को एक अग्रिम अनुदान होता है। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 266 में कंसोलिडेटेड फंड ऑफ इंडिया के बारे में जानकारी दी गई है। केंद्र सरकार के पास आया सारा रेवेन्यू यहां पर ही स्टोर होता है। इस रेवेन्यू में टैक्स, लोन पर ब्याज और स्टेट टैक्सेस का एक हिस्सा शामिल होता है। कानून के मुताबिक, कंसोलिडेटेड फंड को केंद्रीय बजट के दौरान हर साल केंद्र सरकार की अनुमति और एप्रोप्रिएशन अंडरटेकन बाय लो के अलावा निकाला नहीं जा सकता है। वोट ऑन अकाउंट में केवल सरकार के खर्चों की जानकारी पेश की जाती है। इसमें सरकार की आमदनी के बारे में नहीं बताया जाता है।