केंद्र में एक बार फिर एनडीए की सरकार बनने के बाद पूर्ण बजट पेश होने का इंतजार किया जा रहा है। अब सरकार ने आम बजट पेश होने की तारीख का ऐलान कर दिया है। आपको बता दें कि 23 जुलाई को इस बार पूर्ण बजट पेश किया जाएगा।
संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने इस बात की जानकारी देते हुए बताया कि भारत सरकार की संस्तुति पर भारत के माननीय राष्ट्रपति ने बजट सत्र, 2024 के लिए संसद के दोनों सदनों को 22 जुलाई, 2024 से 12 अगस्त, 2024 तक बुलाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है (संसदीय कार्य की अनिवार्यताओं के अधीन)। वहीं, केंद्रीय बजट, 2024-25, 23 जुलाई, 2024 को लोकसभा में पेश किया जाएगा।
अंतरिम बजट पेश किया गया था
बता दें, भारत में जिस वर्ष लोकसभा चुनाव होते हैं। उस दौरान एक बजट चुनाव से पहले और एक बजट चुनाव के बाद पेश किया जाता है। चुनाव के पहले पेश होने वाले बजट को अंतरिम बजट कहा जाता है। ये आमतौर पर सरकार की आय और व्यय का लेखा जोखा होता है। चुनाव के बाद नई सरकार पूर्ण बजट पेश करती है। यह अन्य वर्षों के बजट की तरह होता है। 23 जुलाई को आने वाला आम बजट मोदी 3.0 का पहला बजट होगा। इसके जरिए सरकार की दिशा और नीतियों की जानकारी मिलेगी।
तीसरी सरकार का यह पहला बजट
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली तीसरी सरकार का यह पहला बजट होगा। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संसद की संयुक्त बैठक में अपने संबोधन में कहा था कि बजट में प्रमुख सामाजिक व आर्थिक फैसले लिए जाने की उम्मीद है। अप्रैल-जून में हुए लोकसभा चुनाव के कारण फरवरी में अंतरिम बजट पेश किया गया था। लोकसभा में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट पेश करेंगी। इस बार बजट में आम लोगों को कई राहत मिल सकती है। इनकम टैक्स स्लैब में भी बदलाव की उम्मीद है।
रोजगार पर हो सकता है फोकस
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा 2.1 लाख करोड़ रुपये का डिविडेंड दिए जाने और कम राजस्व घाटे के चलते सरकार के पास कल्याणकारी योजनाओं पर खर्च करने के लिए काफी जगह है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से पहले ही ऐलान किया जा चुका है कि गरीबी के खिलाफ लड़ने के लिए अगले पांच वर्ष काफी अहम होने वाले हैं। ऐसा माना जा रहा है कि इस बजट में सरकार फोकस देश के विकास की गति को बढ़ाने और अधिक रोजगार पैदा करने को लेकर होगा। मौजूदा समय में भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था है। वित्त वर्ष 2023-24 में जीडीपी वृद्धि दर 8.2 प्रतिशत रही थी, जो कि चालू वित्त वर्ष में 7.2 प्रतिशत रहने का अनुमान है।