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Budget 2024: बजट में रोजगार सृजन को बढ़ावा देने के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर पर खर्च बढ़ाने की जरूरत

लोकसभा चुनाव से पहले पेश किए गए अंतरिम बजट ने इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर के लिए 11.11 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान करके एक नया रिकॉर्ड स्थापित किया था, जो 2023-24 के लिए पहले से ही आवंटित 10 लाख करोड़ रुपये से अधिक है।

Edited By: Alok Kumar @alocksone
Published on: July 17, 2024 13:36 IST
Finance Minister Nirmala Sitharaman at the Halwa Ceremony- India TV Paisa
Photo:PTI हलवा सेरेमनी में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 23 जुलाई को बजट पेश करेंगी। इस बजट को लेकर काफी उम्मीद है। जानकारों का कहना है कि सरकार बेरोजगारी कम करने के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर पर खर्च बढ़ा सकती है क्योंकि इस सेक्टर में बड़ी संख्या में नौकरियां मिलती है। इक्रा लिमिटेड के वरिष्ठ उपाध्यक्ष एवं सह-समूह प्रमुख (कॉर्पोरेट रेटिंग्स) आशीष मोदानी ने कहा कि भविष्य में सभी हितधारकों को समायोजित करने के लिए विभिन्न बुनयादी ढांचा उप-खंडों के बीच कुछ पुनः प्राथमिकताएं तय की जा सकती हैं। हालांकि, इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए कैपिटल एक्सपेंडिचर से वृद्धि गति को बनाए रखने की संभावना है।’’ मोदानी ने कहा कि सड़क, रेलवे और जल क्षेत्र में हम आगे भी बड़ा निवेश देखेंगे।

अंतरिम बजट में भी हुआ था बड़ा आवंटन

लोकसभा चुनाव से पहले पेश किए गए अंतरिम बजट ने इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर के लिए 11.11 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान करके एक नया रिकॉर्ड स्थापित किया था, जो 2023-24 के लिए पहले से ही आवंटित 10 लाख करोड़ रुपये से अधिक है। सलाहकार कंपनी डेलॉयट के अनुसार, अंतरिम बजट में बुनियादी ढांचा क्षेत्र के लिए किए गए आवंटन से स्पष्ट है कि धन की कभी कमी नहीं होगी। डेलॉयट के साझेदार अनुराग गुप्ता ने कहा, ‘‘ यदि हम अंतरिम बजट को देखें तो इस सरकार ने बुनियादी ढांचा क्षेत्र के प्रति अपनी प्रतिबद्धता स्पष्ट रूप से जाहिर की है।’’ 

कस्टम ड्यूटी को लॉजिकल बनाना चाहिए: आईसीसी 

इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स (आईसीसी) ने सरकार को घरेलू मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए इस्पात, सौर बैटरी, एल्यूमीनियम और लिथियम सेल सहित विभिन्न क्षेत्रों में कस्टम ड्यूटी को युक्तिसंगत बनाने का सुझाव दिया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण वित्त वर्ष 2024-25 के लिए 23 जुलाई को पूर्ण केंद्रीय बजट पेश करेंगी। आईसीसी के अध्यक्ष अमेय प्रभु ने कहा कि इस्पात, सौर बैटरी, एल्युमीनियम और लिथियम सेल सहित अन्य क्षेत्रों में घरेलू उद्योग की वृद्धि के लिए सुरक्षात्मक उपायों की आवश्यकता है। प्रभु ने कहा, ‘‘ इन विशिष्ट क्षेत्रों में समग्र रूप से कस्टम ड्यूटी को युक्तिसंगत बनाने की आवश्यकता है। 

मैन्युफैक्चरिंग हब बनने की क्षमता

घरेलू मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने और भारत को मैन्युफैक्चरिंग का वैश्विक केंद्र बनाने की अपार संभावनाएं हैं।’’ उन्होंने कहा कि कच्चे माल पर शुल्क से घरेलू कम्पनियों खासकर ‘डाउनस्ट्रीम’ कंपनियों पर असर पड़ता है। ‘अपस्ट्रीम’ कंपनियां तेल तथा गैस की खोज और उत्पादन में शामिल हैं, जबकि ‘डाउनस्ट्रीम’ कंपनियां तेल तथा गैस उत्पादों के शोधन, विपणन व वितरण का काम करती हैं। उन्होंने मिश्रित पेट्रोलियम गैस पर शुल्क को पांच प्रतिशत से घटाकर 2.5 प्रतिशत करके उलटे शुल्क ढांचे में सुधार करने का भी अनुरोध किया। लाभांश पर कर न लगाने की भी सिफारिश की गई है। 

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