Friday, November 15, 2024
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Budget 2024 : दोगुना हो स्टैंडर्ड डिडक्शन, कर छूट की सीमा बढ़े, EY ने बताया टैक्सपेयर्स के लिये बजट में क्या आए खास

ईवाई ने नई सरकार के सामने नीतिगत प्राथमिकताओं को सूचीबद्ध करते हुए कहा कि इसे और अधिक आकर्षक बनाने के लिए रियायती कर व्यवस्था के तहत मानक कटौती को मौजूदा 50,000 रुपये से बढ़ाकर एक लाख रुपये किया जा सकता है या कर छूट सीमा को तीन लाख रुपये से बढ़ाकर 3.5 लाख रुपये किया जा सकता है।

Edited By: Pawan Jayaswal
Updated on: June 26, 2024 17:31 IST
बजट 2024- India TV Paisa
Photo:FILE बजट 2024

सरकार को आगामी बजट में नई रियायती कर व्यवस्था के तहत स्टैंडर्ड डिडक्शन को दोगुना करके एक लाख रुपये करना चाहिए या मूल कर छूट की सीमा (Basic tax exemption limit) को बढ़ाकर 3.5 लाख रुपये करना चाहिए। कर और सलाहकार कंपनी ईवाई ने यह राय जताई है। आगामी बजट में कराधान सुधारों की प्राथमिकताओं का उल्लेख करते हुए ईवाई ने कहा है कि सरकार को टैक्स फ्रेमवर्क को सुव्यवस्थित करने, आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए नीतिगत ढांचे को बेहतर बनाने और निवेश तथा वृद्धि के लिए अनुकूल वातावरण को बढ़ावा देने को प्राथमिकता देनी चाहिए।

स्टेबल रहे कॉरपोरेट टैक्स

ईवाई ने सुझाव दिया कि कॉरपोरेट टैक्स की दरों में स्थिरता रखी जाए, टीडीएस प्रावधान को युक्तिसंगत बनाया जाए तथा विवाद समाधान को सुव्यवस्थित किया जाए। कंपनी ने कहा कि व्यक्तिगत कर के मोर्चे पर छूट/कटौती के बिना रियायती कर व्यवस्था जारी रहनी चाहिए। ईवाई ने नई सरकार के सामने नीतिगत प्राथमिकताओं को सूचीबद्ध करते हुए कहा कि इसे और अधिक आकर्षक बनाने के लिए रियायती कर व्यवस्था के तहत मानक कटौती को मौजूदा 50,000 रुपये से बढ़ाकर एक लाख रुपये किया जा सकता है या कर छूट सीमा को तीन लाख रुपये से बढ़ाकर 3.5 लाख रुपये किया जा सकता है।

अभी नए और पुराने टैक्स रिजीम में से एक चुनते हैं करदाता

वर्तमान कर प्रणाली के तहत करदाता पुरानी व्यवस्था और कम दरों तथा नई रियायती व्यवस्था के बीच चयन कर सकते हैं। जहां पुरानी व्यवस्था में विभिन्न छूट और कटौती प्रदान की जाती है, तो वहीं नई कर व्यवस्था में 50,000 रुपये की मानक कटौती प्रदान की जाती है, लेकिन कोई छूट प्रदान नहीं की जाती है। ईवाई ने कहा कि सरकार ने प्रौद्योगिकी और डेटा-संचालित कर अनुपालन प्रक्रियाओं में सुधार के लिए कई स्वागतयोग्य कदम उठाए हैं। इनमें पहले से भरे गए रिटर्न, वार्षिक सूचना विवरण, कर भुगतान में आसानी, रिटर्न और रिफंड की तेज प्रक्रिया आदि हैं। इससे स्वैच्छिक कर अनुपालन की स्थिति बेहतर हुई है।

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