Budget 2024: रियल एस्टेट सेक्टर में तेजी का दौड़ जारी है। हालांकि, पिछले 3 साल में होम लोन महंगा और रॉ-मटेरियल्स की लागत बढ़ने से प्रॉपर्टी महंगी हुई है। इसके बावजूद होम बायर्स का हौसला पस्त नहीं हुआ है। देशभर में घरों की रिकॉर्ड बिक्री हो रही है। एक रिपोर्ट के अनुसार, 2023 में ही भारत के टॉप 7 शहरों में लगभग 4.77 लाख रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी की बिक्री हुई। यह एक नया रिकॉर्ड है। अब रियल एस्टेट और होम बायर्स की नजर 1 फरवरी को पेश होने वाले अंतरिम बजट पर है। बजट से रियल्टी सेक्टर बड़ी राहत की उम्मीद कर रहा है। हमने बजट से उम्मीदों को लेकर दिग्गज रियल्टी एक्सपर्ट और अंतरिक्ष इंडिया के सीएमडी राकेश यादव से बात की। उनसे जाना कि आखिर, बजट में क्या राहत दी जाए, जिससे यह सेक्टर और तेजी गति से आगे बढ़े और 5 ट्रिलियन की इकोनॉमी बनने के सपने को जल्द पूरा कर सके। आइए, उनके सुझावों पर एक नजर डालते हैं।
राहत देने से जीडीपी में और बढ़ेगा योगदान
नाइट फ्रैंक और नेशनल रियल एस्टेट डेवलपमेंट काउंसिल (नारेडेको) की ज्वाइंट रिपोर्ट के अनुसार, भारत का रियल एस्टेट क्षेत्र अभी जीडीपी में 7.3% का योगदान दे रहा है। ऐसे में जिस तरह से देशभर में घरों की मांग बढ़ी है, यह सेक्टर आने वाले सालों में जीडीपी में और बड़ा कंट्रीब्यूशन करेगा। मेरा मानना है कि रियल स्टेट में दम है कि वह भारतीय अर्थव्यवस्था का साइज 5 खरब डॉलर लक्ष्य से पहले पहुंच सकता है। आपको बता दूं कि इस सेक्टर से करीब 200 छोटे-बड़े सेक्टर जुड़े हैं। वो रॉ-मटेरियल्स से लेकर तमाम तरह के उत्पाद की सप्लाई करते हैं। इतना ही नहीं, रियल एस्टेट सेक्टर में लाखों लोगों को रोजगार मिलता है। ऐसे में अगर सरकार बजट में इस सेक्टर को रियायत देती है तो इसका फायदा न सिर्फ डेवलपर्स को होगा बल्कि होम बायर्स भी लाभान्वित होंगे।
रियल एस्टेट और होम बायर्स को मिले ये रियायतें
- इनकम टैक्स में राहत: होम बायर्स और रियल एस्टेट सेक्टर की निगाहें वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पर हैं। इस सेक्टर को पूरी उम्मीद है कि इस बार के बजट में इनकम टैक्स छूट की घोषणा हो सकती है। अगर सरकार टैक्स छूट की घोषणा करती है तो इससे आम जनता के साथ-साथ रियल एस्टेट सेक्टर को फायदा मिलेगा। लोगों के हाथ में बचत का पैसा आएगा। इससे वो अपने सपने पूरा कर सकेंगे। इससे घर की खरीदारी बढ़ेगी।
- होम लोन पर टैक्स की छूट 5 लाख हो: लंबे समय से होम लोन पर मिलने वाली टैक्स छूट की लिमिट 2 लाख रुपये है। इस दौराना घरों की कीमत करोड़ों में पहुंच गई है। ऐसे में 2 लाख रुपये का कोई औचित्य नहीं रह गया है। इस सीमा को बढ़ाकर अब 5 लाख रुपये करने की जरूरत है।
- अफोर्डेबल प्रोजेक्ट को प्रोत्साहन मिले: मौजूदा समय से सस्ते घर बनना मुश्किल हो रहा है। बजट में अफोर्डेबल प्रोजेक्ट को प्रोत्साहन देने के लिए ऐलान होने चाहिए। डेवलपर्स को अफोर्डेबल प्रोजेक्ट बनाने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। इसके लिए आसानी से फंड की उपलब्धता सुनिश्चित करने की जरूरत है। साथ ही टैक्स में विशेष रियायत देने की जरूतर है। साथ ही अफोर्डेबल हाउसिंग के लिए 45 लाख रुपये के कैप को बढ़ाकर 1 करोड़ किया जाना चाहिए क्योंकि मेट्रो सिटी में अब 45 लाख के रेंज में घर मिलना मुश्किल हो रहा है।
- पहली बार घर खरीदने को वाले को विशेष छूट: बजट में पहली बार घर खरीदने वालों के लिए होम लोन के ब्याज पर सब्सिडी के बारे में सोचना चाहिए। इसके साथ ही निर्माणाधीन प्रॉपर्टी पर इनपुट टैक्स क्रेडिट के साथ जीएसटी के कार्यान्वयन पर पुनर्विचार किया जाना चाहिए।