देश के आम बजट में अब एक सप्ताह से भी कम समय रह गया है। हर किसी को वित्त मंत्री से काफी उम्मीदें हैं। रेलवे के लिए भी इस बजट में कई खास प्रावधान किए जा सकते हैं। माना जा रहा है कि वित्त वर्ष 2024-25 के आगामी केंद्रीय बजट में रेलवे नेटवर्क पर यात्री क्षमता और सुरक्षा बढ़ाने पर ज्यादा फोकस किया जा सकता है। बिजनेस स्टैंडर्ड के मुताबिक, रेल मंत्रालय आम जनता के लिए ज्यादा सुविधाएं बनाने और नेटवर्क बढ़ाकर, भीड़भाड़ को कम करके और ऑपरेशन संबंधी दुर्घटनाओं से बचकर रेल क्षमता बढ़ाने के लिए पर्याप्त धनराशि अलॉट करने पर विचार करेगा। बता दें, केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने हाल ही में घोषणा की कि राष्ट्रीय ट्रांसपोर्टर अगले दो वित्तीय वर्षों में 10,000 नॉन-एसी कोच बनाएगा।
सहायक लोको पायलटों की तीन गुना भर्ती होगी
खबर के मुताबिक, चालू वित्त वर्ष में 50 अमृत भारत ट्रेनें काम में हैं। जब ट्रेड यूनियनों ने कम कर्मचारियों के चलते ट्रेन चालक दल में तनाव का मुद्दा उठाया तो मंत्रालय ने चालू वर्ष में सहायक लोको पायलटों की भर्ती को तीन गुना बढ़ाकर 18,000 करने की योजना की घोषणा की है। विशेषज्ञों का मानना है कि इससे राष्ट्रीय ट्रांसपोर्टर के वेतन बिल पर भी असर पड़ेगा। इस बीच, रेलवे उद्योग को रेलवे के लिए पूंजीगत व्यय की गति जारी रहने की उम्मीद है।
अंतरिम बजट में कही थी ये बात
इससे पहले, अंतरिम बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने घोषणा की थी कि सरकार की पाइपलाइन में 11 खरब रुपये के रेल कॉरिडोर शामिल किए जाएंगे। रेल मंत्रालय के मुताबिक, यह कुल 400 विषम परियोजनाओं का योग है जो हाल ही में तैयारी के चरणों में हैं। जानकारों का कहना है कि भारत के बुनियादी ढांचे को रेलवे, मेट्रो, क्षेत्रीय ट्रेनों में काफी पूंजी निवेश की जरूरत है ताकि यात्री और माल परिवहन में बढ़ती अर्थव्यवस्था की जरूरतों को प्रभावी ढंग से पूरा किया जा सके।
उम्मीद ये भी है
बजट में मेट्रो नेटवर्क, नमो भारत कॉरिडोर, वंदे भारत ट्रेनों, हाई स्पीड कॉरिडोर और आर्थिक गलियारों के विस्तार के लिए पूंजीगत धन उपलब्ध कराने की उम्मीद है ताकि सकारात्मक गति जारी रहे। सेफ्टी अपडेट, विशेष रूप से ट्रेन सुरक्षा प्रणालियों के नेटवर्क-व्यापी कार्यान्वयन, रखरखाव कार्यों के मशीनीकरण और यात्री सुविधाओं के आधुनिकीकरण पर सरकार का लगातार ध्यान एक स्वागत योग्य कदम है। भारतीय रेलवे, रैपिड रीजनल ट्रांजिट सिस्टम और देश में मेट्रो नेटवर्क के लिए रोलिंग स्टॉक की आपूर्ति करने वाली कंपनी का कहना है कि वह मेक इन इंडिया को बढ़ावा देने के लिए भारत से प्रौद्योगिकी, सेवाओं, रेल कारों और घटकों के निर्यात के लिए एक मजबूत केंद्र बना रही है। रिपोर्टों के मुताबिक, बजट के लिए रेल कम्पोनेंट के लिए एक पीएलआई योजना पर भी काम चल रहा है।