वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ अपनी बजट पूर्व मीटिंग में एक्सपोर्टर्स देश के निर्यात को 2030 तक 2 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर तक बढ़ाने के लिए राजकोषीय सहायता उपायों की मांग कर सकते हैं। उद्योग के एक अधिकारी ने कहा कि देश का माल और सेवाओं का निर्यात 2017-18 में 478 बिलियन अमेरिकी डॉलर से बढ़कर 2023-24 में 778 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया है। इसका मकसद 2030 तक इसे 2 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर (माल और सेवाओं के लिए एक-एक ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर) तक ले जाना है। पीटीआई की खबर के मुताबिक, यह एक महत्वाकांक्षी टारगेट है, लेकिन हासिल करने योग्य है और इसके लिए निर्यातकों (एक्सपोर्टर्स) द्वारा अतिरिक्त प्रयासों और सरकार से समर्थन उपायों की आवश्यकता है।
डिमांड में ये मांग भी उठ सकती है
खबर के मुताबिक, निर्यातक अनुसंधान और विकास को बढ़ावा देने, ब्याज समानीकरण योजना के विस्तार और बाजार पहुंच पहल (एमएआई) के माध्यम से प्रदान की जाने वाली मार्केटिंग सहायता के लिए राजकोषीय प्रोत्साहन की मांग कर सकते हैं। समानीकरण योजना इस साल 30 जून को खत्म हो जाएगी। इसकी शुरुआत 1 अप्रैल, 2015 को हुई थी और यह शुरू में 31 मार्च, 2020 तक पांच साल के लिए वैलिड थी। 8 दिसंबर, 2023 को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 30 जून तक इस योजना को जारी रखने के लिए 2,500 करोड़ रुपये के अतिरिक्त आवंटन को मंजूरी दी।
निर्यातकों को सब्सिडी मिलती है
यह योजना पहचाने गए क्षेत्रों के निर्यातकों और सभी एमएसएमई निर्माता निर्यातकों को ऐसे समय में प्रतिस्पर्धी दरों पर रुपया निर्यात ऋण प्राप्त करने में मदद करती है, जब वैश्विक अर्थव्यवस्था मुश्किलों का सामना कर रही है। निर्यातकों को 'शिपमेंट से पहले और बाद के रुपया निर्यात ऋण के लिए ब्याज समतुल्यकरण योजना' के तहत सब्सिडी मिलती है। मौजूदा समय में, यह योजना 4 अंकों के स्तर पर 410 पहचाने गए टैरिफ लाइनों के व्यापारी और निर्माता निर्यातकों को शिपमेंट से पहले और बाद के रुपया निर्यात ऋण पर 2 प्रतिशत की दर से ब्याज समतुल्यकरण लाभ प्रदान करती है।
सभी एमएसएमई निर्माता निर्यातकों को 3 प्रतिशत की दर से ब्याज समतुल्यकरण लाभ प्रदान करती है। इन क्षेत्रों में हस्तशिल्प, चमड़ा, कुछ कपड़े, कालीन और रेडीमेड वस्त्र शामिल हैं। अप्रैल-मई 2024-25 के दौरान व्यापारिक निर्यात 5. 1 प्रतिशत बढ़कर 73. 12 बिलियन अमरीकी डॉलर हो गया और आयात 8. 89 प्रतिशत बढ़कर 116 बिलियन अमरीकी डॉलर हो गया।