केरल के वित्त मंत्री के एन बालगोपाल ने गुरुवार को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मुलाकात में विशेष पैकेज और राज्य के लिए अधिक उधारी की मंजूरी जैसी मांगें रखीं। इस दौरान केरल की मांगों के बारे में सीतारमण को एक विस्तृत ज्ञापन सौंपा गया। ज्ञापन में बालगोपाल ने कहा कि केरल राजकोषीय मजबूती की राह पर है, लेकिन केंद्र से राजस्व हस्तांतरण में कमी और उधारी से जुड़ी बंदिशों के कारण उसे गंभीर वित्तीय संकट का सामना करना पड़ रहा है। मुलाकात के बाद बालगोपाल ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि लोकसभा चुनाव के बाद सीतारमण के वित्त मंत्री के रूप में कार्यभार संभालने के बाद यह एक शिष्टाचार बैठक थी।
केरल का राजकोषीय मजबूती के मामले में बहुत अच्छा रिकॉर्ड
उन्होंने कहा कि केरल का राजकोषीय मजबूती के मामले में बहुत अच्छा रिकॉर्ड रहा है। राज्य ने मौजूदा नकदी संकट से निपटने के लिए 2024-25 के केंद्रीय बजट में कम-से-कम 24,000 करोड़ रुपये का विशेष पैकेज दिए जाने की मांग रखी है। इस पैकेज को 2024-25 से दो साल की अवधि में पूरा किया जाना है। केरल की एक अन्य मांग विझिनजम अंतरराष्ट्रीय बंदरगाह के लिए विशेष सहायता को लेकर है।
5,000 करोड़ के विशेष पूंजी निवेश की जरूरत
ज्ञापन के मुताबिक, ‘‘केंद्र सरकार से सीधे निवेश के अलावा, हमें विझिनजम बंदरगाह क्षेत्र के विकास में अपने दायित्वों को पूरा करने के लिए 5,000 करोड़ रुपये के विशेष पूंजी निवेश समर्थन की तत्काल जरूरत है। हम कुछ अन्य बुनियादी ढांचा परियोजनाओं, जैसे कि ‘कालीकट और वायनाड के बीच सुरंग सड़क लिंक’ के वित्तपोषण के लिए भी 5,000 करोड़ रुपये का अनुरोध करते हैं।’’
4,710 करोड़ रुपये का होगा नुकसान
ज्ञापन के अनुसार, केंद्र की तरफ से उधारी जुटाने पर लगाई पाबंदियों की वजह से केरल को मौजूदा और अगले वित्त वर्ष में लगभग 4,710 करोड़ रुपये का नुकसान होगा। ज्ञापन के मुताबिक, ‘‘केरल ने कई बार केंद्र से इस पर पुनर्विचार करने और कम से कम इस वित्त वर्ष और अगले वित्त वर्ष के लिए उधार सीमा से इस राशि में कटौती रोकने का अनुरोध किया है। लिहाजा इन दो वर्षों के लिए तय की जा रही उधारी सीमा के अलावा 4,710 करोड़ रुपये उधार लेने की अनुमति दी जा सकती है।’’