संसद का बजट सत्र 22 जुलाई को शुरू होगा। 23 जुलाई को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आम बजट पेश करेंगी। यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीसरे कार्यकाल का पहला बजट है। स्वास्थ्य क्षेत्र को बजट से काफी उम्मीदें हैं। नीति आयोग के सदस्य डॉ. वी.के. पॉल ने बताया कि देश में सबसे बड़ी डिजिटल स्वास्थ्य योजना के लिए एक रिपोर्ट जारी की गई है। इसे डिजिटल स्वास्थ्य सेवा और कॉरपोरेट वेलनेस की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
हेल्थ सेक्टर तेजी से बढ़ रहा
डॉ. पॉल ने कहा कि भारत लगातार स्वास्थ्य क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है। इसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का प्रयोग किया जा रहा है। आगे चलकर इसमें टेक्नोलॉजी के प्रयोग से स्वास्थ्य सेवा में और ज्यादा सुधार होगा और नए-नए आयाम बनेंगे। आगामी बजट को लेकर उन्होंने कहा, "हम सबको बजट का इंतजार है और स्वास्थ्य क्षेत्र को इस बजट से काफी उम्मीदें हैं।" स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के डॉ. अपूर्व चंद्रा ने कहा, "हम देश में एआई का बहुत उपयोग कर सकते हैं। हेल्थ सेक्टर एक ऐसा क्षेत्र है, जिसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की सबसे ज्यादा मदद ली जा सकती है। तमाम तरह की जांच और सूचना में इसका इस्तेमाल हो सकता है।"
बजट आवंटन बढ़ने की एम्मीद
उन्होंने बजट को लेकर कहा, "हमें उम्मीद है कि स्वास्थ्य क्षेत्र में इस बार बजट को लेकर कई प्रावधान किए जाएंगे। हेल्थ सेक्टर के लिए बजट आवंटन बढ़ने की पूरी संभावाना है। हमें उम्मीद है कि नेशनल हेल्थ मिशन, नेशनल हेल्थ अथॉरिटी और एम्स हॉस्पिटल के लिए पर्याप्त बजट रखा गया है।"
अंतरिम बजट में हेल्थ सेक्ट के लिए क्या था?
इस साल की शुरुआत में अंतरिम बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भारत के स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र के लिए कुछ महत्वपूर्ण योजनाओं की रूपरेखा तैयार की थी। 2024-25 के लिए, इस क्षेत्र को बजट से ₹90,171 करोड़ आवंटित किए गए थे। अंतरिम बजट में कई महत्वपूर्ण स्वास्थ्य सेवा उपाय भी पेश किए गए। 15 वर्ष से अधिक आयु की लड़कियों के लिए गर्भाशय ग्रीवा कैंसर के टीकाकरण को बढ़ावा देने के लिए एक नई पहल की गई थी। आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के लिए आवंटन ₹7,200 करोड़ से बढ़ाकर ₹7,500 करोड़ कर दिया गया था। टीकाकरण प्रबंधन को बढ़ाने और 'मिशन इंद्रधनुष' का समर्थन करने के लिए असंगठित श्रमिक पहचान संख्या (U-WIN) प्लेटफ़ॉर्म पेश किया गया था।