वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से एक फरवरी 2024 को बजट पेश किया जाना है। बजट में सरकार की कोशिश होती है कि देश को प्रगति के पथ पर रखते हुए ज्यादा से ज्यादा राहत काम जनता को दी जाए। ऐसे में अर्थव्यवस्था के कई अहम सेक्टरों को सरकार से उम्मीद होती है कि उन्हें बजट में राहत मिले, जिससे कि उनके सेक्टर में तेज ग्रोथ हो।
आज हमने बजट अपेक्षाओं की इस सीरिज में इंश्योरेंस सेक्टर की कंपनी प्रोबस इंश्योरेंस ब्रोकर के एमडी राकेश गोयल के बातचीत की है, जिसमें हमने बजट को लेकर इंश्योरेंस सेक्टर की अपेक्षाओं को जाना है।
जीएसटी में मिले राहत
गोयल का कहना है कि मौजूदा समय में सभी प्रकार इंश्योरेंस पर जीएसटी की दर 18 प्रतिशत है। यह इंश्योरेंस को आम आदमी के लिए महंगा बनाती है। अगर सरकार इंश्योरेंस पर जीएसटी की दर में इस बजट में कोई बदलाव करती है तो इसका सीधा फायदा इंश्योरेंस सेक्टर को होगा और इसमें तेज ग्रोथ देखने को मिल सकती है।
छूट को बढ़ाया जाएं
इंश्योरेंस इंडस्ट्री की एक मांग यह भी है कि सरकार की ओर से बजट में पर्सनल हेल्थ इंश्योरेंस में छूट को लेकर कोई बदलाव किया जाता है तो इससे बड़ी राहत मिल सकती है और हेल्थ इंश्योरेंस को आम आदमी तक पहुंचाने में भी मदद मिलेगी।
इसके अलावा इंश्योरेंस सेक्टर की मांग इनकम टैक्स की 80C की छूट को लेकर है, जिसमें इश्योरेंस छूट के लिए अलग प्रावधान किया जाए, जिससे कि इंश्योरेंस सेक्टर में ग्रोथ को बढ़ाया जा सके।
अंतरिम बजट पेश करेगी सरकार
इस वर्ष चुनाव होने के कारण सरकार की ओर से अंतरिम बजट पेश किया जाएगा। अंतरिम बजट होने के कारण इस बार कोई बड़ी घोषणा होने की संभावना कम है। अंतरिम बजट में सरकार की प्राप्तियों और भुगतान के अलावा चल रही योजनाओं के लिए बजट का प्रावधान होता है।