वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को इस बार अंतरिम बजट पेश करेंगी। हालांकि, इस बार का बजट पूर्ण बजट नहीं होगा क्योंकि आम चुनाव होने वाले है। लोकसभा चुनाव के बाद एक बार फिर बजट पेश किया जाएगा। इस सब के बावजूद इस बार चुनावी साल है तो बजट में कई बड़ी घोषणाएं होने की उम्मीद है। बजट की तैयारी भी शुरू हो गई है। क्या आपको पता है कि बजट पेश होने से पहले इसमें दी जानी वाली जानकारी कैसे गुप्त रहती है। सरकार जानकारी को बाहर नहीं आने देने के लिए क्या करती है। हम आपको बजट से जुड़ी 7 रोचक जानकारी दे रहे हैं।
बाहरी दुनिया से संपर्क काट दिया जाता है
बता दें कि नॉर्थ ब्लॉक में बजट को तैयार करने में शामिल अधिकारियों को रखा जाता है। यह एक तरह का कैद होता है। बजट तैयार करने वोल अधिकारियों को बाहर जाने या फोन पर बातें करने की अनुमति नहीं होती है। संयुक्त सचिव की अध्यक्षता में इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) के अधिकारी बजट बनाने वाली टीम की हर एक्टिविटी पर नजर रखते हैं।
ये अधिकारी होते हैं कैद
बजट की गोपनीयता को लेकर बजट तैयार करने की प्रक्रिया के दौरान कैद होने वाले अधिकारियों में वित्त मंत्रालय से जुड़े अधिकारियों के साथ-साथ, विशेषज्ञ, प्रिंटिंग टेक्नीशियन और कुछ स्टेनोग्राफर्स को नॉर्थ ब्लॉक में कैद मिलती है। ये लोग इस दौरान अपने परिवार से भी बात नहीं कर पाते हैं। अगर परिजनों को अपने पारिवारिक सदस्य को कोई बहुत जरूरी सूचना भी देनी होती है तो वो दिए गए एक नंबर पर सिर्फ संदेश भर भेज पाते हैं।
इनकी होती है सबसे ज्यादा निगरानी
इन सभी अधिकारियों में से सबसे ज्यादा निगरानी स्टेनोग्राफरों की होती है। साइबर चोरी की संभावनाओं से बचने के लिए स्टेनोग्राफर के कम्प्यूटर नेशनल इन्फॉर्मेटिक्स सेंटर (nic) के सर्वर से दूर होते हैं। जहां ये सारे लोग होते हैं वहां एक पावरफुल जैमर लगा होता है ताकि कॉल्स को ब्लॉक किया जा सके और किसी भी जानकारी को लीक न होने दिया जाए।
जारी होता है सर्कुलर
बजट निर्माण में सबसे पहले वित्त मंत्रालय के बजट डिवीजन द्वारा सभी मंत्रालयों, विभागों, राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों, रक्षा बलों और स्वायत्त निकायों को सर्कुलर भेजा जाता है। इसके जवाब में इन्हें ब्यौरे के साथ आगामी वित्तीय वर्ष के अपने-अपने खर्च, विशेष परियोजनाओं का ब्यौरा और फंड की आवश्यकता की जानकारी देनी होती है। इन मांगों के आने के बाद केंद्रीय मंत्रालयों और वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग के बीच काफी बैठकें होती हैं।
बजट पूर्व होती हैं बैठकें
बजट निर्माण की प्रक्रिया में आर्थिक मामलों का विभाग और राजस्व विभाग विभिन्न उद्योगों के प्रतिनिधियों के साथ बजट पूर्व बैठकें करते हैं। इन बजट पूर्व परामर्श बैठकों में विभिन्न क्षेत्रों की मांगे और सुझाव लिये जाते हैं। टैक्स प्रस्तावों पर अंतिम निर्णय वित्त मंत्री के साथ लिया जाता है। उससे पहले प्रस्तावों पर प्रधानमंत्री के साथ भी चर्चा की जाती है।
दिन-रात एक कर देते हैं कर्मचारी
बजट निर्माण का कार्य नॉर्थ ब्लॉक में किया जाता हैं जहां वित्त मंत्रालय के शीर्ष अधिकारी, विशेषज्ञ, प्रिंटिंग टेक्निशियंस और स्टेनोग्राफर्स एक तरह से कैद में रहते हैं। बजट तैयार होने से पहले के सात दिनों में तो ये लोग बाहरी दुनिया से एकदम कट जाते हैं। नॉर्थ ब्लॉक में वित्त मंत्रालय के ये कर्मचारी बजट निर्माण में दिन-रात एक कर देते हैं।
किले में तब्दील हो जाता है नॉर्थ ब्लॉक
बजट निर्माण के समय नॉर्थ ब्लॉक की सुरक्षा बड़ी चाकचौबंद होती है। संयुक्त सचिव की अध्यक्षता में इंटेलिजेंस ब्यूरो के अधिकारी बजट बनाने वाली टीम की हर एक्टिविटी पर नजर रहते हैं। खास तौर पर स्टेनोग्राफर्स पर सबसे ज्यादा नजर रखी जाती है। इस तरह बेहद तगड़ी सुरक्षा में बजट बनकर तैयार होता है।