इस साल बजट 1 फरवरी को पेश होगा। तैयारी शुरु हो गई है। हर साल बजट की छपाई हलवा सेरेमनी के साथ शुरु होती है, लेकिन पिछले साल करोना के चलते इस परंपरा पर पूर्ण विराम लगा दिया गया था। इस साल उम्मीद की जा रही है कि फिर से यह परंपरा निभाई जाएगी।
हलवा खिलाकर बजट डॉक्यूमेंट प्रिंटिंग की शुरूआत
बता दें, देश के वित्तमंत्री बजट पेश होने के करीब दो हफ्ते पहले नॉर्थ ब्लॉक में वित्त मंत्रालय के सहयोगियों को हलवा खिलाकर बजट डॉक्यूमेंट प्रिंटिंग की शुरूआत करते हैं। आइए जानते हैं कि ये हलवा सेरेमनी क्या है और भारतीय बजट प्रणाली में इसका महत्व क्या है।
क्या है हलवा सेरेमनी
भारतीय संसदीय परंपरा के अनुसार हर साल देश का वित्तमंत्री बजट दस्तावेजों को पढ़कर सदन के सामने पेश करता है। यह बजट दस्तावेज बाकायदा दो भाषाओं में (हिंदी और अंग्रेजी) छापा जाता है। इस सोच के साथ कि बजट में सबके लिए मीठा या कहें शुभ रहे, इसी सोच के साथ छपाई प्रक्रिया से पहले हलवा की होती है। इसमें एक बड़ी सी कढ़ाही में हलवा तैयार किया जाता है और देश का वित्त मंत्री अपने मंत्रालय के सभी कर्मचारियों को इसे बांटता है।
ऐसे मनाई जाती है यह सेरेमनी
- हलवा सेरेमनी बजट दस्तावेजों की छपाई की शुरुआत से पहले काफी लंबे समय से मनाई जाती रही है।
- इस रस्म के तहत एक बड़ी सी कढ़ाई में हलावा तैयार किया जाता है जिसे मंत्रालय के सभी कर्मचारियों के बीच बांटा जाता है।
- हलवा बांटे जाने के बाद वित्त मंत्रालय के ज्यादातर अधिकारी और कर्मचारियों को मंत्रालय में ही पूरी दुनिया से कट कर रहना होता है।
- ये वैसे कर्मचारी होते हैं जो प्रत्यक्ष तौर पर बजट बनाने से लेकर उसकी प्रिंटिंग की प्रक्रिया से जुड़े होते हैं।
- लोकसभा में वित्त मंत्री द्वारा बजट पेश किए जाने तक ये कर्मचारी अपने परिवार से फोन पर भी संपर्क नहीं कर सकते।
सिर्फ कुछ लोगों को होती है घर जाने की परमिशन
इस रस्म के बाद वित्त मंत्रालय के सिर्फ अति वरिष्ठ अधिकारी को ही अपने घर जाने की अनुमति मिलती है। बजट बनाने और उसकी छपाई की प्रक्रिया में आमतौर पर लगभग 100 लोग शामिल होते हैं। सभी अधिकारी नॉर्थ ब्लॉक के बजट प्रेस में लोकसभा में बजट पेश होने तक रहते हैं।