देश का आम बजट पेश होने में अब चंद घंटे ही बचे हैं। मंदी, महंगाई और रोजगार संकट के इस मुश्किल दौर में वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण के सामने 2023-24 का बजट पेश करने की कठिन चुनौती है। बजट से लोगों की सबसे बड़ी उम्मीद कमाई बढ़ने और महंगाई घटने से जुड़ी है। तकनीकी दृष्टि से देखा जाए तो जीएसटी आने के बाद बजट में चीजें सस्ती-महंगी होने की रवायत अब खत्म हो चुकी है। लेकिन बजट में अभी भी कई ऐसे क्षेत्र है जिनकी मदद से आवश्यक वस्तुओं की कीमतों को तय किया जाता है। बजट पेश होने से पहले आइए जान लेते हैं कि बजट में किन चीजों के सस्ते-महंगे होने की संभावना है।
आर्थिक सर्वेक्षण से मिले संकेत
वित्तमंत्री द्वारा बजट पेश करने से पहले घोषणाओं को गुप्त रखा जाता है। लेकिन कल पेश हुए आर्थिक सर्वेक्षण से कुछ बातों को लेकर संकेत जरूर मिल गए हैं। इन संकेतों के आधार पर अंदाजा लगाया जा सकता है कि बजट में किन चीजों की कीमतों में बदलाव हो सकता है। इसके अतिरिक्त बजट से पहले विभिन्न मंत्रालयों द्वारा वित्त मंत्रालय को भेजी गई सिफारिशों में भी आम लोगों को मिलने वाली राहत और आफत के संकेत साफ दिखने लगते हैं।
इन चीजों में हो सकता है बदलाव
मोदी सरकार अपने पहले कार्यकाल में मेक इन इंडिया की मुहिम लेकर आई थी। वहीं अगले ही कोरोना के समय सरकार आत्मनिर्भर भारत के मिशन पर अग्रसर हुई है। ऐसे में इस बार के बजट में भी सरकार देशी उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए विदेशी सामानों के आयात को महंगा कर सकती हैै। इसके साथ ही सरकार पर चालू खाते के घाटे को कम करने और विदेशी मुद्रा का संतुलन बनाया जा सके। इस बीच केंद्र के विभिन्न मंत्रालयों ने करीब 35 गैर जरूरी सामानों की लिस्ट भेजी है जिन पर इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ाने की सिफारिश की गई है।
इन 35 वस्तुओं पर पड़ेगी महंगाई की मार
वित्त मंत्रालय को मिली सिफारिशों के आधार पर निर्मला सीमारमण के बजट में कई वस्तुओं पर इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ सकती है। जिन सामानों पर इंपोर्ट ड्यूटी में वृद्धि संभव है उसमें निजी छोटे विमान, हेलीकॉप्टर्स, महंगे इलेक्ट्रॉनिक्स गैजेट्स, प्लास्टिक की वस्तुएं, ज्वेलरी, हाई-ग्लॉस पेपर, स्टील के सामान, चमड़ा और विटामिन्स शामिल हैं। इनमें से कई सामान ऐसे में जिनके लिए भारतीय उद्योगों को सस्ते चीनी समानों से मुकाबला करना पड़ता है। टैक्स बढ़ने और आयात कम होने ने देश में इन सामानों के प्रोडक्शन को बढ़ावा मिलेगा।
सोना पर घट सकता है टैक्स
विदेशी मुद्रा के घटने के चलते सरकार ने कुछ बड़ी आयातित वस्तुओं पर टैक्स बढ़ा दिया था। इसमें सोना और इससे बने सामान भी शामिल थे। लेकिन अब इस उद्योग को बचाने के लिए सरकार इस पर ड्यूटी को कम कर सकती है। इसका फायदा देश के निर्यात में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले जेम्स एंड ज्वेलरी सेक्टर को भी होगा। सरकार के इस फैसले से देश से ज्वैलरी और अन्य फिनिश प्रोडक्ट का एक्सपोर्ट बढ़ सकता है।
इसके लिए सरकार गोल्ड पर इंपोर्ट ड्यूटी टैक्स को बढ़ाकर 12.5 फीसदी और 2.5 फीसदी एग्रीकल्चर सेस के साथ 15 प्रतिशत कर दिया था।