Shree Anna Yojana: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले वित्त वर्ष 2023-24 का बजट पेश कर दिया है। संसद में बजट पेश करते हुए निर्मला सीतारमण ने 'श्री अन्न योजना' का भी जिक्र किया था। मोटे अनाजों को श्री अन्न की श्रेणी में रखा जाता है। दरअसल गेहूं और चावल की बढ़ती लोकप्रियता के चलते श्री अन्न की उपज और इस्तेमाल पर किसी का ध्यान ही नहीं गया। इसलिए 'श्री अन्न योजना' लोगों की थाली में मोटे अनाज को परोसने की ही एक पहल है। आइए अब आपको बताते हैं कि बजट पेश करते हुए निर्मला सीतारमण ने इस बारे में क्या कहा।
श्री अन्न योजना पर क्या बोलीं वित्त मंत्री?
निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2023-24 का बजट पेश कहते हुए कहा, 'भारत श्री अन्न का सबस बड़े उत्पादक और दूसरा सबसे बड़ा निर्यातक है। श्री अन्न योजना के तहत भारत को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने के लिए भारतीय बाजरा अनुसंधान संस्थान, हैदराबाद को एक उत्कृष्ट केंद्र या बड़ा हब के रूप में विकसित किया जाएगा।'
इस विषय पर वित्त मंत्री ने आगे कहा, 'बाजरे को लोकप्रिय बनाने में भारत सबसे आगे रहा है। बाजरे की उपज से न केवल खाद्य सुरक्षा के मोर्चे पर मजबूती आई है, बल्कि किसानों की स्थिति में भी सुधार आया है। इसलिए सरकार मोटे अनाज की पैदावार को बढ़ाने पर काम करेगी. सरकार लोगों के बीच इसके प्रचार और प्रसार को बढ़ाने पर काम कर रही है। ताकि मोटे अनाज का महत्व और फायदे लोगों और किसानों दोनों को मिल सकें।'
क्या है श्री अन्न?
निर्मला सीतारमण ने कहा, 'श्री अन्न के अंतर्गत ज्वार, रागी, बाजरा, रामदाना, चीना और समा के चावल जैसी चीजें शामिल होती हैं। ये चीजें सदियों से हमारे खान-पान का अहम हिस्सा रही हैं और इनके लाभ किसी से नहीं छिपे हैं। इसके बावजूद आज भी बहुत से लोग इनके फायदों से वंचित रह जाते हैं। अब सरकार श्री अन्न को बड़े स्तर पर भोजन का हिस्सा बनाने की योजना बना रही है। इसके तहत हैदराबाद के भारतीय बाजरा अनुसंधान संस्थान को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनाने की तैयारी की जा रही है।'