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Budget 2023: वित्तमंत्री की पोटली से छोटे से लेकर बड़े उद्योगों को ढेरों उम्मीदें, यहां पढ़ें प्रमुख इंडस्ट्री की मांगे

इस बार अलग-अलग सेक्टर को केंद्रीय बजट 2023 से काफी उम्मीदें हैं। अलग-अलग सेक्टर अपने ग्रोथ और विकास के लिए वित्त मंत्री से नए ऐलान की उम्मीदें लगाए हुए हैं।

Edited By: Alok Kumar @alocksone
Updated on: January 30, 2023 13:39 IST
बजट- India TV Paisa
Photo:INDIA TV बजट

कोरोना महामारी और रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद दुनियाभर में मंदी की आशंका के बीच भारतीय अर्थव्यवस्था सबसे तेज गति से बढ़ रही है। भारतीय अर्थव्यवस्था की यह गति बरकरार रहे, इसके लिए प्रोत्साहन पैकेज की जरूरत महसूस की जा रही है। भारतीय उद्योग जगत का मानना है कि आगामी आम बजट में सरकार की ओर से छोटे से बड़े इंडस्ट्रीज को प्रोत्साहन देने से बाजार में मांग बढ़ाने में मदद मिलेगी, जिससे अर्थव्यवस्था का पहिया और तेजी से घूमेगा।  कोरोना का साया खत्म होने से इस बार अलग-अलग सेक्टर को केंद्रीय बजट 2023 से काफी उम्मीदें हैं। अलग-अलग सेक्टर अपने ग्रोथ और विकास के लिए वित्त मंत्री से नए ऐलान की उम्मीदें लगाए हुए हैं।  आइए, जानते हैं कि अगामी आम बजट से प्रमुख सेक्टर की क्या है मांगे...

फ्लैश मेमोरी उद्योग पर ध्यान देने की जरूरत


इलेक्ट्रॉनिक कंपनी Lexar के डायरेक्टर, गौरव माथुर ने कहा कि हम मानते हैं कि 2023 के बजट में नई तकनीकों को विकसित करने और पर्यावरण के अनुकूल काम करने वाले कंपनियों के लिए कई अच्छी घोषणाएं होंगी। हम उम्मीद करते हैं कि आने वाले बजट में पूरे सिस्टम में सुधार के उपाय शामिल होंगे। सरकार को फ्लैश मेमोरी उद्योग की स्थिति में सुधार पर ध्यान देना चाहिए क्योंकि हर कोई देख सकता है कि पिछले तीन से चार वर्षों में फ्लैश मेमोरी बाजार कितनी तेजी से बढ़ा है। यह एकमात्र क्षेत्र जिसमें युवा भारत भी योगदान दे रहा है। स्पष्ट रूप से फ्लैश मेमोरी बाजार का विस्तार हो रहा है।

आयात शुल्क में कटौती की मांग 

Prama Hikvision India के एमडी और सीईओ, आशीष पी धाकन ने कहा कि भारत के तेजी से विकसित हो रहे इलेक्ट्रॉनिक सुरक्षा विनिर्माण पारिस्थितिकी तंत्र के एक अभिन्न अंग के रूप में, हम उम्मीद कर रहे हैं कि आगामी केंद्रीय बजट में सीसीटीवी उत्पादों, प्रमुख घटकों और सुरक्षा प्रणालियों पर जोर दिया जाएगा। हम उम्मीद कर रहे हैं कि वित्त मंत्री इन जरूरी चीजों पर आयात शुल्क में कटौती करेंगी। हमें उम्मीद है कि आगामी केंद्रीय बजट भारत में सुरक्षा उत्पादों (सीसीटीवी कैमरा, एक्सेस कंट्रोल डिवाइस, अलार्म डिटेक्शन, इंस्पेक्शन और पेरीमीटर डिटेक्शन प्रोडक्ट्स) के निर्माण के लिए प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई) योजनाओं के बारे में अधिक स्पष्टता प्रदान करेगा। उद्योग के अनुकूल दृष्टिकोण और नीतिगत ढांचा सुरक्षा उद्योग को विकास के एक नए चरण की ओर ले जाएगा। यह कदम निश्चित रूप से सरकार की 'मेक-इन-इंडिया' पहल के लिए एक बड़ी सफलता प्रदान करेगी। हम एक विकासोन्मुखी बजट की उम्मीद कर रहे हैं जो प्रमुख हितधारकों को 'आत्मनिर्भर भारत' (आत्मनिर्भर भारत) रोडमैप के माध्यम से 'सुरक्षित भारत' (सुरक्षित भारत) के दृष्टिकोण को साकार करने में मदद करेगा।

ऑर्किड्स द इंटरनेशनल स्कूल, नॉर्थ जोन के वीपी-एकेडमिक्स, डॉ. कविता नागपाल ने कहा कि मुझे उम्मीद है कि केंद्रीय बजट 2023-24 में शिक्षा क्षेत्र शीर्ष स्थान पर रहेगा। यह हमें हमारे देश को वैश्विक ज्ञान मंच में बदलने के लिए छात्रवृत्ति, प्रशिक्षण, डिजिटल लर्निंग मॉड्यूल, उपचारात्मक कक्षाएं, शारीरिक शिक्षा और बच्चों के लिए बुनियादी ढांचे जैसे अकादमिक समर्थन का अवसर प्रदान करेगा। शिक्षा क्षेत्र महत्वपूर्ण बदलावों के दौर से गुजर रहा है और राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 ने इसे बहुत जरूरी गति प्रदान की है। उस संदर्भ में, इस बात की काफी उम्मीद है कि वित्त वर्ष 24 के केंद्रीय बजट में शिक्षा और कौशल विकास के लिए महत्वपूर्ण आवंटन होगा। पहली बार, शिक्षा के लिए आवंटन पिछले साल के बजट में 1 लाख करोड़ रुपये को पार कर गया था, जो बहुत अच्छा है, लेकिन एनईपी में निर्धारित 6% लक्ष्य से काफी कम है। इसलिए, हम उम्मीद करते हैं कि सरकार इस बार के बजट में इस अहम मुद्दे पर ध्यान देगी और शिक्षा क्षेत्र के लिए अपना बजट बढ़ाएगी।

 

ईवी बैटरी पर सीमा शुल्क घटाया जाए

कोमाकी इलेक्ट्रिक व्हीकल डिवीजन के डायरेक्टर, गुंजन मल्होत्रा ने कहा कि देश में इलेक्ट्रिक वाहन क्षेत्र हाल के वर्षों में बड़े परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है। भारत के कार्बन फुटप्रिंट को कम करने के लिए सरकार को ईवी पर के नए सिरे से ध्यान केंद्रित करने की जरूरत है। ईवी के प्रमुख घटक बैटरी है। हमारी मांग है कि वित्त मंत्री आगामी केंद्रीय बजट में बैटरी सेल पर सीमा शुल्क घटाएं, जिससे ईवी की कीमत कम होगी। यह भारतीय ईवी उद्योग में क्रांति लाने का काम करेगा। इसके साथ ही इलेक्ट्रिक वाहनों के स्पेयर पार्ट्स पर एक समान 5 प्रतिशत जीएसटी, पीएलआई योजना में स्टार्टअप और एमएसएमई को शामिल करना, चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर स्थापित करने के लिए 50 प्रतिशत की सब्सिडी देने का ऐलान बजट में करने की जरूरत है। 

मोटर पाट्‌र्स पर एक सामान जीएसटी लगे 

मोटर पाट्‌र्स कंपनी स्टीलबर्ड इंटरनेशनल के कार्यकारी निदेशक, मानव कपूर ने बताया कि हम बजट में वित्त मंत्री से मोटर पाट्‌र्स पर एक सामान जीएसटी लाने की मांग करते हैं। अभी अधिकांश मोटर पाट्‌र्स पर 18 फीसदी तो कुछ पर 28 फीसदी जीएसटी वूसला जा रहा है। इससे बिलिंग में समस्या आ रही है। एक सामान जीएसटी करने से रेवन्यू ग्रोथ भी होगा और कंपनियों को परेशानी से भी हल मिलेगा। 

बैटरी और ईवी गाड़ी पर एक सामान लगे जीएसटी 

शेरू कंपनी के सीईओ, अंकित मित्तल ने कहा कि हम वित्त मंत्री से ईवी पर एक सामान जीएसटी लागू करने की मांग करते हैं। अभी ईवी 5% जीएसटी और बैटरी स्वैपिंग 18% जीएसटी है। इसे एक समान करने से इलेक्ट्रिक गाड़ियों की मांग बढ़ाने में मदद मिलेगी। इसके साथ ही भारत में ईवी के लिए बहुत से सामान देश के बाहर से मंगाया जा रहा है और इससे लागत बढ़ जाती है। भारत के ईवी क्षेत्र के लिए भविष्य के लिए खुद को स्थापित करने के लिए, घरेलू उत्पादन पर जोर दिया जाए। इसके लिए इसे पीएलआई में शामिल किया जाए। 

चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए फंड का आवंटन जरूरी 

सायरा इलेक्ट्रिक ऑटो प्राइवेट लिमिटेड के पंबंध निदेशक, नितिन कपूर ने कहा कि बजट से हम फिर फास्टर एडॉप्शन एंड मैन्युफैक्चरिंग ऑफ हाइब्रिड एंड इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (FAME-II) योजना को शुरू करने की मांग कर रहे हैं। FAME-II के तहत, ACC बैटरी सहित बजट 2022-23 के दौरान कुल 44,038 करोड़ रुपये की PLI (उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन) योजनाओं की घोषणा की गई थी। इसके साथ ही बैटरी पर जीएसटी घटाने की भी हम उम्मीद कर रहे हैं। इसके साथ ही सरकार को वाहन स्क्रैपेज नीति के बारे में जागरूकता पैदा करने पर ध्यान केंद्रित करने पर भी विचार करना चाहिए। 2023 के बजट को उन्नत बैटरी के अनुसंधान और विकास (आर एंड डी) के लिए विशिष्ट अनुदान के साथ देश में एक मजबूत ईवी बैटरी चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने के लिए रणनीति तैयार करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।

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