Friday, November 15, 2024
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Budget 2023: रियल एस्टेट सेक्टर को बजट से काफी उम्‍मीदें, होम लोन पर छूट की सीमा बढ़ाकर 5 लाख करने की मांग

आवास ऋण के ब्याज पर 2 लाख रुपये की कर छूट को कम से कम 5 लाख रुपये तक बढ़ाने की आवश्यकता है क्योंकि यह क्षेत्र अभी भी महामारी के प्रभाव से उबर रहा है।

Edited By: Alok Kumar @alocksone
Updated on: January 27, 2023 14:41 IST
बजट से उम्‍मीदें- India TV Paisa
Photo:INDIA TV बजट से उम्‍मीदें

Budget 2023: मोदी सरकार के मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के आखिरी पूर्ण बजट की तैयारियां शुरू हो गई है। इस बार के बजट से हर सेक्टर को काफी उम्मीद है। रियल एस्टेट सेक्टर और घर खरीदार भी इस बजट से काफी आश लगाएं हुए हैं। कोरोना महामारी के बाद बदले हालात में हर कोई वित्त मंत्री निर्माला सीतारमण की पोटली से अपने लिए कुछ न कुछ चाह रहा है। जानकारों का कहना है कि इस बार का बजट विकासोन्मुख होगा। ऐसे में रियल एस्टेट सेक्टर के डेवलपर्स  सरकार के सामने कुछ मांगे रखी हैं। उनका मानना है कि इससे रियल एस्टेट सेक्टर को ग्रोथ होगी और घर खरीदार अपने घर के सपने को आसानी से पूरा कर पाएंगे। आइए जानते हैं कि आगामी बजट से रियल एस्टेट सेक्टर की क्या-क्या मांगे हैं। 

डेवलपर्स और होम बायर्स दोनों को रियायत ​जरूरी

अंतरिक्ष इंडिया के सीएमडी राकेश यादव ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था को गति देने में रियल एस्टेट सेक्टर की अहम भूमिका है। इस सेक्टर से करीब 200 छोटे-बड़े उद्योग जुड़े हुए हैं। कोरोना महामारी के बाद इस सेक्टर में तेजी लौटी है। हालांकि, इसमें अभी भी संकट कायम है। अगर, सरकार बजट में इस सेक्टर को रियायत देगी तो न सिर्फ इस सेक्टर का बल्कि पूरी अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी। साथ ही रोजगार के बड़े अवसर भी पैदा होगा। मेरा सुझाव है कि वित्त मंत्री आयकर की धारा 24 (बी) के तहत होम लोन के लिए छूट की सीमा को दो लाख रुपये से बढ़ाकर पांच लाख रुपये करना चाहिए। इससे घर खरीदारों को बड़ी बचत मिलेगी। साथ ही धारा 23(5) के तहत डेवलपर्स को नोशनल रेंटल इनकम पर टैक्स के बोझ से छूट दी जानी चाहिए। इसके अलावा धारा 80आईबीए, किफायती आवास परियोजना से प्राप्त लाभ और लाभ के 100 प्रतिशत के बराबर कटौती देनी चाहिए। वहीं, रुकी हुई अवासीय परियोजना को पूरा करने के लिए स्ट्रेस फंड को बढ़ाकर 50 हजार करोड़ का कर देना चाहिए। 

किराया ओर लीज पर टैक्स में छूट मिले 

अकासा कोवर्किंग के सीईओ व सह-संथापक, आदित्य मेहता ने कहा कि महामारी के बाद से बहुत सारी कंपनियों ने हाइब्रिड कल्चर को अपनाया है। हाल के वर्षों में हाइब्रिड कल्चर की वजह से कर्मचारियों की काम करने की क्षमता बढ़ी है। इसकी उपयोगिता और महत्व को देखते हुए बड़ी कॉरपोरेट कंपनियों ने भी हाइब्रिड कल्चर को अपना लिया है। इसकी स्वीकार्यता और लोकप्रियता बढ़ जाने के बाद हमारी भी सरकार से इस संबंध में उम्मीदें बढ़ गई हैं। आने वाले केंद्रीय बजट में किराया ओर लीज पर टैक्स में कुछ छूट मिलनी चाहिए। हम यह भी चाहते हैं कि महत्वपूर्ण बन चुकी इस व्यवस्था पर खास ध्यान दिया जाए। सरकार को इस क्षेत्र से संबंधित सुविधाएं जैसे ऑफिस का किराया, बिजली, रखरखाव आदि सेवाओं को बेहतर और सुविधाजनक बनाने के लिए अपनी नीति में जगह देनी चाहिए।

किफायती आवास को बढ़ावा देना बहुत जरूरी

आरजी ग्रुप के निदेशक हिमांशु गर्ग के अनुसार, घर खरीदारों के साथ-साथ निवेशकों के लिए अधिक कर रियायतों की तत्काल आवश्यकता है। आवास ऋण के ब्याज पर 2 लाख रुपये की कर छूट को कम से कम 5 लाख रुपये तक बढ़ाने की आवश्यकता है क्योंकि यह क्षेत्र अभी भी महामारी के प्रभाव से उबर रहा है और ये किफायती आवास की मांग को गति देता है। इसके अलावा, 50 लाख तक के घरों के लिए 3 लाख रुपये तक की किराये की आय के लिए 100% छूट दी जानी चाहिए क्योंकि यह व्यक्तियों को किफायती आवास में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित करेगी जो भारी आवास की कमी से ग्रस्त है। यह निश्चित रूप से संपत्ति के मालिको को अपनी संपत्तियों को पात्र किरायेदारों को पट्टे/लिज पर देने के लिए प्रोत्साहित करेगा और संभावित खरीदारों को भी आकर्षित करेगा मैं और इस सेगमेंट में हाउसिंग स्टॉक की आपूर्ति बढ़ाने के दृढ़ संकल्प को पूरा करेगा। सरकार को प्रमोटरों को रुकी हुई परियोजनाओं को पुनर्जीवित करने के लिए RERA और NCLT के तहत अधिक प्रोविजन करना चाहिए। यह डिफॉल्ट के मामलों को कम करेगा, अधूरी परियोजनाओँ के पुनर्निर्माण का रास्ता खोलेगा और क्षेत्र में हितधारकों के विश्वास को बढ़ाएगा जहां पूर्ण निर्माण और कब्जा ही उपाय है।

सरप्लस रेंटल हाउसिंग बनाने की जरूरत 

डॉ.निरंजन हीरानंदानी, वाइस चेयरमैन, नारेडको ने कहा कि सभी के लिए आवास के लक्ष्य को पूरा करने के लिए, रियल एस्टेट डेवलपर्स को कर प्रोत्साहन के साथ सरप्लस रेंटल हाउसिंग बनाने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। इंडस्ट्री किराये के आवास में मानक कटौती में 50 प्रतिशत तक की वृद्धि की सिफारिश करती है और स्टैंडर्ड डिडक्शन की अनुमति देकर सर्विस रेंटल अपार्टमेंट्स को प्रोत्साहित करता है। साथ ही, रियल एस्टेट निवेश को बढ़ावा देने के लिए बिजनेस में स्टॉक के रूप में रखी गई होम प्रॉपर्टी से अनुमानित आय पर कर को पूरी तरह से माफ करने की आवश्यकता है। इसके अलावा, मेट्रो शहरों में अफोर्डेबल हाउसिंग पर कैप को 1 करोड़ रुपये तक सीमित किया जाना चाहिए क्योंकि बड़ी संख्या में घर खरीदार (होमबॉयर्स) सीएलएसएस योजना का लाभ उठा सकते हैं, क्योंकि इंडस्ट्री ने महामारी के बाद पहली बार घर खरीदने वालों की संख्या में वृद्धि देखी है। उन्होंने अतिरिक्त रूप से दीर्घकालिक सस्ते फंडिंग का लाभ उठाने के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर का दर्जा देने पर जोर दिया क्योंकि यह ब्याज दर संवेदनशील क्षेत्र मुद्रास्फीति के कारण ऋण उधार की उच्च लागत से जूझ रहा है। यह डेवलपर को सस्ती कीमत पर आवास परियोजनाओं का निर्माण और वितरण करने में मदद करेगा।

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