Friday, November 22, 2024
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  4. बजट का वो किस्सा जब पेश होने से पहले हो गया था लीक, इस वित्त मंत्री की गई थी कुर्सी

किस्सा उस बजट का जब वह पेश होने से पहले ही हो गया था लीक, कौन थे वे वित्त मंत्री जिन्हें देना पड़ा था इस्तीफा

Nirmala Sitharaman History of Budget: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण सुबह 11 बजे देश की संसद में बजट पेश करेंगी। सरकार की बजट को लेकर सभी तैयारियां पुरी चुकी है। आज की स्टोरी में पढ़िए बजट से जुड़ा एक ऐसा किस्सा जिसमें वित्त मंत्री को इस्तीफा देना पड़ गया था।

Written By: Vikash Tiwary @ivikashtiwary
Updated on: February 01, 2023 10:09 IST
nirmala sitharaman history of budget- India TV Paisa
Photo:FILE किस्सा उस बजट का जब पेश होने से पहले ही हो गया था लीक

Budget History: फिल्म लीक होते देखा होगा, ऑडियो लीक हुआ है इसके बारे में सुना होगा, MMS लीक हुआ है इसके बारे में भी जानकारी होगी। क्या आपको पता है भारत का बजट भी एक बार लीक हो चुका है। तब देश के तत्कालीन वित्त मंत्री को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा था। बता दें, आज एक बार फिर देश का बजट पेश होने जा रहा है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण सुबह 11 बजे देश की संसद में बजट पेश करेंगी। सरकार की बजट को लेकर सभी तैयारियां पुरी चुकी है। वित्त मंत्री घर से बजट पेश करने से पहले की प्रक्रिया पुरी करने के लिए निकल चुकी हैं। 

तब देश के तत्कालीन वित्त मंत्री थे जॉन मथाई

साल था 1950। उस समय देश के तत्कालीन वित्त मंत्री जॉन मथाई थे। वह उनका दूसरा बजट था। उससे पहले वह 1949-50 का बजट पेश कर चुके थे। बजट पेश करने के लिए वह संसद भवन जा रहे थे, तब तक पता चला कि बजट लीक हो गया है। जब वह पार्लियामेंट में पहुंचे तब सदन में उपस्थित सांसदों ने जमकर हंगामा किया है और मथाई से इस्तीफे की मांग की। उसके बाद जॉन मथाई को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ गया। बता दें, तब बजट राष्ट्रपति भवन में छपता था। उसके बाद ही उसे बदल कर मिंटो रोड कर दिया गया। 1980 में वहां से भी बदलकर बजट प्रिंटिंग नॉर्थ ब्लॉक कर दी गई थी। तब से लेकर अब तक बजट नॉर्थ ब्लॉक में ही प्रिंट होता आ रहा है। 

2023-24 के बजट से पहले सरकार ने पेश किया है आर्थिक सर्वेक्षण

आर्थिक सर्वेक्षण की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत की अर्थव्यवस्था 2023-24 में 6.5 फीसदी की दर से बढ़ेगी। वहीं, भारतीय अर्थव्यवस्था की विकास दर चालू वित्त वर्ष में 7 फीसदी रहेगी। वित्त वर्ष 2021-22 में 8.7 फीसदी रही थी। भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्था बना रहेगा। निजी खपत, उच्च कैपेक्स, कॉर्पोरेट बैलेंस शीट में मजबूती, छोटे व्यवसायों के लिए ऋण वृद्धि और शहरों में प्रवासी श्रमिकों की वापसी से विकास की रफ्तार तेज हुई है। क्रय शक्ति समानता (पीपीपी ) के मामले में भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। वहीं, विनिमय दर के मामले में पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है।

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