ब्रिटेन सरकार की ओर से मंगलवार को कहा कि वह भारत के साथ एक ‘महत्वाकांक्षी’ व्यापार समझौता करने की दिशा में काम करना जारी रखेगी। भारत के वार्ताकारों की एक टीम ने इसी सप्ताह लंदन में अपने ब्रिटिश समकक्षों के साथ बातचीत शुरू की है। व्यवसाय एवं व्यापार विभाग (डीबीटी) ने केवल ऐसे मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर हस्ताक्षर करने के अपने रुख को दोहराया जो ब्रिटिश लोगों और अर्थव्यवस्था के सर्वोत्तम हित में हो। पिछले महीने डीबीटी अधिकारियों ने संकेत दिया था कि भारत के चरणबद्ध आम चुनाव के दौरान औपचारिक व्यापार वार्ता रोक दी गई थी। हालांकि, चार जून को चुनाव परिणाम घोषित होने तक कुछ बातचीत जारी रहने की उम्मीद थी।
लंदन में शुरू हुई चर्चा
मंगलवार को, ब्रिटेन के अधिकारियों ने कहा कि जनवरी में शुरू हुई वार्ता के ‘‘14वें दौर के तहत बातचीत जारी रखने’’ के लिए इस सप्ताह लंदन में चर्चा फिर से शुरू हुई। डीबीटी के प्रवक्ता ने कहा, ‘‘ब्रिटेन और भारत एक महत्वाकांक्षी व्यापार समझौते की दिशा में काम करना जारी रख रहे हैं जो दोनों देशों के लिए काम करेगा।’’ प्रवक्ता ने कहा, ‘‘हालांकि, हम बातचीत के विवरण पर टिप्पणी नहीं करते हैं, लेकिन हम स्पष्ट हैं कि हम केवल उस समझौते पर हस्ताक्षर करेंगे जो निष्पक्ष, संतुलित और अंततः ब्रिटिश लोगों और अर्थव्यवस्था के सर्वोत्तम हित में होगा।’’
ईएफटीए के साथ हुआ एफटीए
पिछले महीने भारत सरकार की ओर से चार यूरोपीय देशों (नॉर्वे, आइसलैंड, स्विटजरलैंड और लिकटेंस्टीन) के समूह ईएफटीए के बीच मुक्त व्यापार समझौते (FTA) किया गया। इस एफटीए के तहत नॉर्वे, आइसलैंड, स्विटजरलैंड और लिकटेंस्टीन मिलकर अगले 15 वर्षों में 100 अरब डॉलर का निवेश भारत में करेंगे। वहीं, भारत ने इन देशों से आने वाले कई सामानों पर आयात शुल्क को आंशिक या पूरी तरह से हटा दिया था। भारत की ओर से मॉरीशस, यूएई और ऑस्ट्रेलिया के साथ पहले ही मुक्त व्यापार समझौता किया जा चुका है।