दुनिया के कई देश इस समय बड़ी चुनौती से जूझ रहे हैं। इसके चलते उनकी अर्थव्यवस्था की रफ्तार धीमी हो रही है। आपको बता दें कि ब्रिटेन की आर्थिक वृद्धि में तीसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में गिरावट आई है। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय की ओर से शुक्रवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, जुलाई-सितंबर की अवधि में वृद्धि दर केवल 0.1 प्रतिशत रही। यह उससे पिछले तीन महीने (अप्रैल-जून) की 0.5 प्रतिशत की वृद्धि की तुलना में कम है और बाजार की 0.2 प्रतिशत की उम्मीद से भी कम है। जापान की अर्थव्यवस्था उपभोक्ता व्यय के दम पर लगातार दूसरी तिमाही में बढ़ी और जुलाई-सितंबर में इसकी वृद्धि दर 0.9 प्रतिशत रही।
‘लेबर पार्टी’ ने आर्थिक वृद्धि को बनाया लक्ष्य
जुलाई में 14 वर्षों में पहली बार सत्ता संभालने वाली ‘लेबर पार्टी’ ने अगले पांच वर्षों में आर्थिक वृद्धि को अपनी पहली प्राथमिकता बनाई है। चार महीने पहले ही लेबर पार्टी सत्ता में आई है। लेबर पार्टी के सत्ता में आने के बाद ब्रिटेन और भारत के बीच प्रस्तावित मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) को मंजूरी मिलने की उम्मीद है।
जापान दुनिया की चौथी अर्थव्यवस्था
शुक्रवार को जारी सरकारी आंकड़ों में यह बात सामने आई। विश्व की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था जापान वित्त वर्ष 2024-25 की अप्रैल-जून तिमाही में 0.5 प्रतिशत की दर से बढ़ी थी। मंत्रिमंडल कार्यालय के प्रारंभिक आंकड़ों के अनुसार, घरेलू मांग में 2.5 प्रतिशत की वार्षिक दर से वृद्धि हुई। निजी खपत स्वस्थ घरेलू खपत के दम पर 3.6 प्रतिशत बढ़ी, जो जापान के सकल घरेलू उत्पाद का आधे से अधिक हिस्सा बनाती है निर्यात में 1.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
येन के कमजोर होने से फायदा मिला
येन का कमजोर होना निर्यात के लिए फायदेमंद है, क्योंकि इससे जापानी उत्पाद विदेशों में सस्ते हो रहे हैं। हालांकि, पिछली तिमाही में इसका प्रभाव अपेक्षाकृत सीमित रहा। इस साल की शुरुआत में जापानी येन 160-येन के स्तर पर कारोबार कर रहा था। अब यह 150-येन के स्तर पर कारोबार कर रहा है। सुमी ट्रस्ट के वरिष्ठ रणनीतिकार कात्सुतोशी इनादोम ने कहा कि हमारा मानना है कि विदेशी अर्थव्यवस्थाओं में वृद्धि के समर्थन से जापानी अर्थव्यवस्था धीरे-धीरे बढ़ती रहेगी।