देश की तीन प्रमुख पेट्रोलियम कंपनियों में से एक भारत पेट्रोलियम को सरकार बेचने जा रही है? कई दिनों से इस प्रकार की खबरें सामने आ रही हैं। इस बीच केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने स्थिति को साफ करते हुए ऐलान किया है। पुरी ने बृहस्पतिवार को ऐसे संकेत दिए कि सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनी भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन निगम लि. (बीपीसीएल) का निजीकरण निकट भविष्य में नहीं होने जा रहा है।
विचाराधीन नहीं है प्रस्ताव
पुरी ने कहा कि इस तरह का कोई भी प्रस्ताव अभी विचाराधीन नहीं है। सरकार ने नवंबर, 2019 में अपनी परिसंपत्ति मौद्रीकरण योजना के तहत बीपीसीएल की बिक्री करने का प्रस्ताव रखा था। उस समय सरकार ने कहा था कि वह इस सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनी में अपनी 52.98 प्रतिशत हिस्सेदारी की बिक्री करेगी।
इसलिए ठंडे बस्ते में डाला प्रस्ताव
बीपीसीएल के लिए सरकार को तीन शुरुआती बोलियां मिली थीं लेकिन वित्तीय बोली सिर्फ वेदांता समूह ने ही लगाई। ऐसी स्थिति में सरकार ने मई, 2022 में बीपीसीएल के निजीकरण की अपनी योजना को ठंडे बस्ते में डालने की घोषणा कर दी।
पुरी ने स्थिति को किया साफ
पुरी ने इस बारे में सरकार की भावी योजना के बारे में पूछे जाने पर कहा, ‘‘जब केवल एक बोलीदाता ही होगा तो प्रतिस्पर्द्धी निविदा की प्रक्रिया के तहत किस तरह बिक्री हो सकती है? आपको पता है कि विनिवेश योजनाओं को अमलीजामा पहनाने का काम सिर्फ प्रशासनिक मंत्रालय ही नहीं करते हैं, इसके ‘दीपम’ भी शामिल होता है। लेकिन जहां तक मेरी जानकारी का सवाल है तो फिलहाल बीपीसीएल की बिक्री का कोई भी प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।’’