करोड़ों भारतीयों की पसंदीदा कंपनी हल्दीराम जल्द ही विदेशी हाथों में जा सकती है। दुनिया की सबसे बड़ी प्राइवेट इक्विटी फर्म ब्लैकस्टोन के नेतृत्व में एक कंटोर्टियम अबु धाबी इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी और जीआईसी सिंगापुर के साथ हल्दीराम में नियंत्रण हिस्सेदारी खरीदने की तैयारी में है। पिछले हफ्ते के आखिर में इस कंसोर्टियम ने हल्दीराम स्नैक्स फूड प्राइवेट लिमिटेड (HSFPL) में कंट्रोलिंग स्टेक खरीदने के लिए एक गैर-बाध्यकारी बोली पेश की थी। इकोनॉमिक टाइम्स ने अपनी एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी है। HSFPL दिल्ली और नागपुर गुटों की अग्रवाल फैमिली का एक संयुक्त पैकेज्ड स्नैक्स एंड फूड बिजनेस है।
होगी भारत की सबसे बड़ी प्राइवेट डील
87 साल पुरानी हल्दीराम भारत की सबसे बड़ी स्नैक्स एंड कन्विनिएंस फूड कंपनी है। ब्लैकस्टोन और उसके पार्टनर्स हल्दीराम में 74 से 76% हिस्सेदारी खरीदने के इच्छुक हैं। उन्होंने इसके लिए वैल्यू 8-8.5 बिलियन डॉलर (₹66,400-70,500 करोड़) लगाई है। ADIA और GIC दोनों ही ब्लैकस्टोन के वैश्विक फंडों के लिमिटेड पार्टनर्स या स्पांसर्स हैं। अगर यह सौदा होता है, तो यह अब तक का भारत का सबसे बड़ा निजी इक्विटी सौदा होगा।
दोनों गुटों का मर्जर
पिछले साल मई में डाबर इंटरनेशनल के पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी केके चुतानी के रूप में पहली बार किसी पेशेवर को हल्दीराम के सीईओ के रूप में नियुक्त किया गया था। कोई भी सौदा हल्दीराम के नागपुर और दिल्ली गुटों के बीच सफल मर्जर पर निर्भर है, जो एनसीएलटी द्वारा अप्रूव प्लान का हिस्सा है। इस मर्जर को पिछले साल कंप्टीशन कमीशन ऑफ इंडिया ने मंजूरी दी थी। इसके अगले 3-4 महीने में पूरा होने की उम्मीद है। HSFPL में हल्दीराम स्नैक्स प्राइवेट लिमिटेड की 56 परसेंट और हल्दीराम फूड्स इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड (HFIPL) की 44 फीसदी हिस्सेदारी है।
100 से ज्यादा देशों में है कारोबार
साल 1937 में गंगा बिसन अग्रवाल ने हल्दीराम ब्रैंड की शुरुआत की थी। आज कंपनी का 100 से ज्यादा देशों में बिजनेस है। हल्दीराम करीब 400 तरह के फूड आइटम्स सेल करती है। इनमें स्नैक्स, नमकीन, मिठाइयां, फ्रोजन फूड, बिस्कुट, रेडी टू ड्रिंक बेवरेजेज, पास्ता, कनफेक्शनरी और रेडी टू ईट फूड शामिल हैं। कंपनी अमेरिका और यूरोप के भी कई देशों में अपने प्रोडक्ट एक्सपोर्ट करती है।