Highlights
- टेक्सटाइल एवं लेदर पॉलिसी में उद्योगों के लिए बड़ी रियायतों की घोषणा
- इस पॉलिसी के लिए उद्योगों को 30 जून 2023 तक आवेदन करना होगा
- ये लाभ बिहार औद्योगिक निवेश संवर्धन नीति, 2016 के अतिरिक्त होंगे
बिहार सरकार ने आज अपनी महत्वाकांक्षी टेक्सटाइल एवं लेदर पॉलिसी 2022 (Textile And Leather Policy) को पेश कर दिया है। इस पॉलिसी में बिहार में टेक्सटाइल और लेदर के क्षेत्र निवेश करने वाले उद्योगों के लिए बड़ी रियायतों की घोषणा की गई है। राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज पटना में टेक्सटाइल और लेदर पॉलिसी 2022 को पेश करते हुए कहा कि सरकार का लक्ष्य है कि आनेवाले समय में बिहार को देश का सबसे बड़ा लेदर और टेक्सटाइल हब बने। उन्होंने आश्वस्त किया कि बिहार आने वाले उद्योगों को सरकार हर प्रकार की मदद पहुंचाएगी।
सीएम नीतीश कुमार ने उद्योग मंत्री शाहनवाज हसैन की तारीफ करते हुए कहा कि हम लोग निवेशकों को लाने के लिए पहले भी कई जगह जाते थे, लेकिन निवेशक आते नहीं थे। बतौर उद्योग मंत्री शाहनवाज काफी मेहनत कर रहे हैं। इन्वेस्टर्स आ भी रहे हैं और निवेश भी बढ़ रहा है। नीतीश कुमार ने इस मौके पर इनवेस्टर्स से कहा कि जितनी बिहार सरकार आपकी मदद करेगी उतना कोई नहीं करेगा। जमीन से लेकर सुरक्षा और पैसे से भी हमलोग मदद करेंगे। बिहार में उद्योग लगाइए ताकि बिहारवासियों को नौकरी के लिए बाहर न जाना पड़े।
रोजगार पर फोकस
पटना में आयोजित इन्वेस्टर्स मीट सह टेक्सटाइल एवं लेदर पॉलिसी 2022 के लोकार्पण के मौके मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा फोकस राज्य के औद्योगिक विकास के साथ ही युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने पर भी है। बिहार की टेक्सटाइल एवं लेदर पॉलिसी में पूंजीगत अनुदान, रोजगार अनुदान, विद्युत अनुदान, फ्रेट अनुदान, पेटेंट अनुदान, कौशल विकास अनुदान, समेत कई तरह के प्रोत्साहन का प्रावधान शामिल हैं।
बांग्लादेश और वियतनाम को कड़ी टक्कर देगा बिहार
उद्योग मंत्री सैयद शाहनवाज हुसैन ने पॉलिसी के लोकार्पण के मौके पर कहा कि आने वाले वक्त में बिहार बांग्लादेश और वियतनाम को टेक्सटाइल क्षेत्र में कड़ी टक्कर भी देगा। उन्होंने कहा कि जो कंपनियां निवेश करेंगी, उन्हें पूर्वोत्तर राज्यों समेत नेपाल, भूटान जैसे कई पड़ोसी देशों की करीब 54 करोड़ की आबादी का बड़ा बाजार मिलेगा।
'बिहार में सामान बेचिये ही नहीं बनाइए भी'
ये देश की सबसे बेहतर पॉलिसी है। कई तरह की सुविधाएँ हम निवेशकों को दे रहे हैं। कई कम्पनियों ने यहां निवेश में रुचि दिखाई है। दूसरे राज्य सब्सिडी देने में काफ़ी विलम्ब करते हैं लेकिन बिहार में ऐसा नहीं होता, हमलोग बिल्कुल समय पर सब्सिडी देते हैं और आगे भी देंगे। हम उनसे कह रहे हैं कि आप सिर्फ बिहार में अपना सामान बेचिये नहीं बल्कि यहाँ बनाइये भी। नए माहौल में अब दूसरे राज्यों में चले गए बिहार के लोगों को अब वापस लौट जाएं।