Highlights
- नीतिश सरकार का बजट 28 फरवरी को पेश होगा
- संभव है कि सरकार स्वास्थ्य के क्षेत्र में अपने प्रावधानों में वृद्धि करे
- अस्पतालों का निर्माण, मरीजों के जांच और इलाज की सुविधाओं में बढ़ोतरी संभव
पटना। बिहार विधानमंडल के बजट सत्र की शुरुआत आज शुक्रवार से हो गया है। नीतिश सरकार 28 फरवरी को राज्य का आम बजट पेश करेगी। इस बार का बिहार बजट 2022-23 बेहद खास होने की उम्मीद है। एक ओर सरकार कोरोना संकट के बाद अर्थव्यवस्था को संभालन की कोशिश करेगी। वहीं दूसरी ओर सरकार के सामने शिक्षा, रोजगार, महंगाई पलायन जैसी कई चुनौतियां हैं।
बताया जा रहा है पिछली बार की तुलना में इस बार बजट में 10 फीसदी की बढ़ोतरी की गई है। उम्मीद है कि इस बार सरकार उन्हें राहत देगी और बजट से राज्य के विकास को पंख लगेगा। दूसरी ओर सरकार की चिंता राजकोषीय घाटे पर लगाम लगाने की होगी। कोविड संकट का सामना करते करते सरकार की तिजोरी खाली हो गई है। ऐसे में राज्य के विकास और लोगों की उम्मीदों के बीच संतुलन बैठाना सरकार के लिए सबसे बड़ी चुनौती होगी।
नीतिश बाबू के पिटारे में क्या होगा खास
वैसे तो नीतिश सरकार का बजट 28 फरवरी को पेश होगा। लेकिन इससे पहले ही लोगों के बीच बजट को लेकर चर्चा शुरू होने लगी है। बजट में संभव है कि सरकार स्वास्थ्य के क्षेत्र में अपने प्रावधानों में वृद्धि करे। नए अस्पतालों का निर्माण, मरीजों के जांच और इलाज की सुविधाओं में बढ़ोतरी सरकार बजट में बजट में दिखाई दे सकता है। इसी तरह, अन्य मदों में भी बिहार को केंद्रीय बजट से काफी आशाएं हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले इस बार के बजट में करीब 10 फीसदी तक यानी 22 से 24 हजार करोड़ की वृद्धि हो सकती है।
स्वास्थ्य शिक्षा पर फोकस
बजट में सरकार आधी आबादी यानि महिलाओं और युवाओं के विकास पर फोकस कर सकतीहै। छात्राओं के लिए स्कूली शिक्षा और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारियों में सहूलियत, महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के दिशा में कवायद, महिला सशक्तिकरण पर जोर भी सरकार के बजट में दिखाई दे सकता है।
ये है बजट सत्र का पूरा कार्यक्रम
यह बजट सत्र 31 मार्च तक चलेगा। तीन मार्च को ही वित्तीय वर्ष 2021-22 का तृतीय अनुपूरक बजट भी पेश किया जाएगा। चार मार्च को वित्तीय वर्ष 2022-23 के आय-व्ययक पर सरकार का उत्तर होगा। सात को तृतीय अनुपूरक बजट पर सरकार का उत्तर। आठ से 25 मार्च तक वित्तीय वर्ष 2022-23 के आय-व्यय के अनुदानों की मांग पर वाद-विवाद और मतदान होगा। 28 मार्च को राजकीय विधेयक, 29 को गैर सरकारी संकल्प, 30 को राजकीय विधेयक और 31 मार्च को अंतिम दिन गैर सरकारी सदस्यों के कार्य होंगे। पूरे बजट सत्र में कुल 22 बैठकें होंगी।