Highlights
- धान की रोपाई 25 अगस्त तक कुल लक्ष्य के 86 प्रतिशत में पूरी हो चुकी है
- लगभग 41 प्रतिशत बारिश की कमी के कारण रोपाई में देरी हुई
- जून और अगस्त के बीच जिले में बारिश में 50 फीसदी की कमी
बिहार में आंकड़ों का एक बड़ा गड़बड़झाला सामने आया है। राज्य में कम बारिश और सूखे की खबरों के बीच कृषि विभाग ने 86 प्रतिशत रकबे में धान की बुवाई का आंकड़ा जारी किया है। इन दो विरोधाभासी आंकड़ों को देखकर बिहार के कृषि मंत्री सुधाकर सिंह ने राज्य में धान की खेती को प्रभावित करने वाली सूखे जैसी स्थिति पर एक व्यापक रिपोर्ट मांगी है।
सुधाकर सिंह ने कहा कि कुछ क्षेत्रों में धान के खेतों में बारिश की कमी के कारण बड़ी दरारें बन गई हैं, लेकिन उन्हें पहले भेजी गई रिपोर्ट में बताया गया था कि, धान की रोपाई 25 अगस्त तक कुल लक्ष्य के 86 प्रतिशत में पूरी हो चुकी है। उन्होंने कहा, ’जब राज्य सूखे जैसी स्थिति का सामना कर रहा है, मेरे विभाग द्वारा संकलित आंकड़े और बारिश की रिपोर्ट एक विरोधाभासी तस्वीर पेश करती है।’
बारिश में 41 प्रतिशत की कमी
सिंह ने कहा कि बिहार में धान की खेती बारिश पर निर्भर है और इस साल लगभग 41 प्रतिशत बारिश की कमी के कारण रोपाई में देरी हुई। उन्होंने कहा, ’मेरे विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, गोपालगंज में धान की पौध की रोपाई 103 फीसदी है, जबकि जून और अगस्त के बीच जिले में बारिश में 50 फीसदी की कमी है।’
क्या फर्जी हैं आंकड़े
उन्होंने कहा, ’अगर मुझे डेटा संकलन में कोई गड़बड़ी मिलती है तो मैं संबंधित अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आदेश दूंगा।’ सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार राज्य में सूखे जैसी स्थिति से चिंतित हैं और लगभग हर दिन प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर रहे हैं।
31 जिलों में 20 प्रतिशत कम बारिश
आईएमडी के अनुसार, शेखपुरा, लखीसराय और भागलपुर जिलों में कम से कम 60 प्रतिशत वर्षा की कमी का सामना करना पड़ रहा है, जबकि 31 जिलों में कम से कम 20 प्रतिशत की कमी का सामना करना पड़ रहा है। मंत्री ने कहा, ’भागलपुर में सबसे अधिक 63 प्रतिशत वर्षा की कमी है, और मेरे विभाग द्वारा भेजी गई रिपोर्ट में कहा गया है कि जिले में धान की 42 प्रतिशत रोपाई का काम पूरा हो गया है। यह बहुत आश्चर्यजनक है।’ उन्होंने कहा, इसी तरह, जमुई में केवल 16 प्रतिशत प्रत्यारोपण ही किया जा सका जहां वर्षा की कमी 44 प्रतिशत है। मुझे नहीं पता कि यह कैसे हुआ।