GST पंजीकृत कारोबारियों को बड़ी राहत मिली है। दरअसल, जीएसटीएन ने 100 करोड़ रुपये से अधिक के कारोबार वाली कंपनियों या व्यवसायों के लिए अपने पुराने ई-चालान को अपलोड करने की समयसीमा के क्रियान्वयन को तीन महीने के लिए टाल दिया है। पिछले महीने जीएसटीएन ने कहा था कि इन कंपनियों को अपने ई-चालान को सात दिन के अंदर चालान पंजीकरण पोर्टल (आईआरपी) पर डालना होगा। पहले यह व्यवस्था एक मई से लागू होने जा रही थी, लेकिन अब इसे तीन महीने के लिए टाल दिया गया है।
इनपुट टैक्स क्रेडिट रोकने की बात
मौजूदा व्यवस्था के तहत कंपनियां इस तरह के चालान को वर्तमान तिथि पर डालती है। इसमें आईआरपी पर चालान अपलोड करने के लिए व्यवसायों पर कोई प्रतिबंध नहीं था। जीएसटी कानून के अनुसार, यदि आईआरपी पर चालान अपलोड नहीं किए गए, तो कंपनियां इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) का लाभ नहीं उठा सकती हैं। एएमआरजी एंड एसोसिएट्स के वरिष्ठ भागीदार रजत मोहन ने कहा कि चालान की तारीख से सात दिन के भीतर ई-चालान जारी करने की इस नयी आवश्यकता से यहां तक कि बड़े व्यवसाय भी हैरान थे।
सात दिन में डालने का दिया गया था निर्देश
सौ करोड़ रुपये और उससे अधिक के कारोबार वाली कंपनियों को अपने इलेक्ट्रॉनिक इन्वॉयस (चालान) को सात दिन के अंदर चालान पंजीकरण पोर्टल (आईआरपी) पर डालने का निर्देश दिया गया था। यह व्यवस्था एक मई से लागू होने वाली थी। जीएसटीएन ने कहा था कि समय पर अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए इस श्रेणी के करदाताओं को सात दिन से अधिक पुराने इन्वॉयस को ‘रिपोर्ट’ करने की अनुमति नहीं होगी। उदाहरण देते हुए जीएसटीएन ने कहा था कि यदि किसी चालान पर एक अप्रैल, 2023 की तिथि पड़ी है तो उसे आठ अप्रैल, 2023 के बाद डॉलने की अनुमति नहीं होगी।