Wednesday, October 30, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. पैसा
  3. बिज़नेस
  4. सरकार के लिए बड़ी राहत, पहली छमाही में घटकर 4.74 लाख करोड़ रुपये रहा राजकोषीय घाटा

सरकार के लिए बड़ी राहत, पहली छमाही में घटकर 4.74 लाख करोड़ रुपये रहा राजकोषीय घाटा

वित्त वर्ष 2024-25 की अप्रैल-सितंबर छमाही में केंद्र सरकार के राजस्व-व्यय के आंकड़ों से पता चलता है कि चालू वित्त वर्ष के लिए नेट टैक्स रेवेन्यू 12.65 लाख करोड़ रुपये यानी बजट अनुमान का 49 प्रतिशत था। सितंबर, 2023 के अंत में नेट टैक्स रेवेन्यू कलेक्शन 49.8 प्रतिशत था।

Edited By: Sunil Chaurasia
Updated on: October 30, 2024 18:49 IST
चालू वित्त वर्ष के लिए राजकोषीय घाटे को 4.9 प्रतिशत तक सीमित रखने का लक्ष्य- India TV Paisa
Photo:REUTERS चालू वित्त वर्ष के लिए राजकोषीय घाटे को 4.9 प्रतिशत तक सीमित रखने का लक्ष्य

चालू वित्त वर्ष 2024-25 की पहली छमाही के अंत में केंद्र का राजकोषीय घाटा पूरे वित्त वर्ष के लिए निर्धारित लक्ष्य का 29.4 प्रतिशत रहा है। बुधवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों में ये जानकारी दी गई। लेखा महानियंत्रक (CGA) की तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिक, सरकार के व्यय और राजस्व के बीच का अंतर यानी राजकोषीय घाटा वास्तविक संदर्भ में सितंबर के अंत में 4,74,520 करोड़ रुपये था। जबकि पिछले वित्त वर्ष 2023-24 की पहली छमाही में राजकोषीय घाटा बजट अनुमान का 39.3 प्रतिशत रहा था। 

चालू वित्त वर्ष के लिए राजकोषीय घाटे को 4.9 प्रतिशत तक सीमित रखने का लक्ष्य

केंद्रीय बजट में सरकार ने चालू वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटे को जीडीपी के 4.9 प्रतिशत तक सीमित रखने का लक्ष्य रखा है। पिछले वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटा जीडीपी का 5.6 प्रतिशत रहा था। सरकार का लक्ष्य चालू वित्त वर्ष के दौरान राजकोषीय घाटे को 16,13,312 करोड़ रुपये पर सीमित रखने का है। वित्त वर्ष की पहली छमाही में राजकोषीय घाटा 4,74,520 करोड़ रुपये के साथ निर्धारित लक्ष्य का 29.4 प्रतिशत रहा है। 

पहली छमाही में 12.65 लाख करोड़ रुपये रहा नेट टैक्स रेवेन्यू 

वित्त वर्ष 2024-25 की अप्रैल-सितंबर छमाही में केंद्र सरकार के राजस्व-व्यय के आंकड़ों से पता चलता है कि चालू वित्त वर्ष के लिए नेट टैक्स रेवेन्यू 12.65 लाख करोड़ रुपये यानी बजट अनुमान का 49 प्रतिशत था। सितंबर, 2023 के अंत में नेट टैक्स रेवेन्यू कलेक्शन 49.8 प्रतिशत था। वहीं चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में केंद्र सरकार का कुल व्यय 21.11 लाख करोड़ रुपये यानी बजट अनुमान का 43.8 प्रतिशत रहा है। एक साल पहले की समान अवधि में सरकारी व्यय बजट अनुमान का 47.1 प्रतिशत था। सरकार के कुल व्यय में से 16.96 लाख करोड़ रुपये राजस्व खाते में जबकि 4.15 लाख करोड़ रुपये पूंजीगत खाते में थे। 

राजकोषीय घाटे में गिरावट की क्या है वजह

रेटिंग एजेंसी इक्रा की मुख्य इकोनॉमिस्ट अदिति नायर ने इन आंकड़ों पर कहा कि केंद्र का राजकोषीय घाटा वित्त वर्ष 2024-25 की पहली छमाही में घटकर 4.7 लाख करोड़ रुपये रहा, जो पिछले साल की समान अवधि में 7 लाख करोड़ रुपये था। इसके पीछे भारतीय रिजर्व बैंक के डिविडेंड पेमेंट के साथ पूंजीगत व्यय में सालाना आधार पर आई गिरावट का भी योगदान है। राजकोषीय घाटा सरकार के कुल व्यय और राजस्व के बीच का अंतर है। ये सरकार की तरफ से जुटाए जाने वाले कुल कर्ज का भी संकेत देता है। 

पीटीआई इनपुट्स के साथ

Latest Business News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Business News in Hindi के लिए क्लिक करें पैसा सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement