इकोनॉमी की तेज रफ्तार से चालू वित्त वर्ष 2024-25 में 17 सितंबर तक शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह 16.12 प्रतिशत बढ़कर 9.95 लाख करोड़ रुपये से अधिक रहा है। बुधवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, चालू वित्त वर्ष में अबतक 2.05 लाख करोड़ रुपये से अधिक के रिफंड जारी किए गए हैं, जो पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि की तुलना में 56.49 प्रतिशत अधिक है। एक अप्रैल से 17 सितंबर के बीच शुद्ध व्यक्तिगत आयकर (पीआईटी) संग्रह 19 प्रतिशत बढ़कर 5.15 लाख करोड़ रुपये हो गया। कॉरपोरेट कर संग्रह 10.55 प्रतिशत बढ़कर 4.52 लाख करोड़ रुपये से अधिक पर पहुंच गया है।
एसटीटी से आमदनी 26,154 करोड़ रही
प्रतिभूति लेनदेन कर (एसटीटी) से आमदनी 26,154 करोड़ रुपये रही है। रिफंड को जोड़ने के बाद चालू वित्त वर्ष में अबतक पीआईटी और कॉरपोरेट करों से शुद्ध संग्रह 9,95,766 करोड़ रुपये रहा, जो पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 16.12 प्रतिशत अधिक है। अग्रिम कर संग्रह 22.61 प्रतिशत बढ़कर 4.36 लाख करोड़ रुपये हो गया। पीआईटी अग्रिम कर संग्रह में 39.22 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि कॉरपोरेट कर में वृद्धि 18.17 प्रतिशत रही है। सकल प्रत्यक्ष कर संग्रह 12.01 लाख करोड़ रुपये रहा, जो चालू वित्त वर्ष में अबतक 21.48 प्रतिशत की वृद्धि है। सरकार ने चालू वित्त वर्ष में प्रत्यक्ष कर (व्यक्तिगत आयकर, कॉरपोरेट कर और अन्य कर) से 22.12 लाख करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है, जो पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 13 प्रतिशत अधिक है।
बिहार में जीएसटी संग्रह में 8.4 प्रतिशत की वृद्धि
बिहार वाणिज्यिक कर विभाग ने चालू वित्त वर्ष (2024-2025) में 31 अगस्त तक 15,463 करोड रुपये का जीएसटी संग्रह किया है जो पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 8.4 अधिक है। बिहार के वाणिज्यिक कर विभाग के सचिव संजय कुमार सिंह ने बुधवार को कहा, “वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) व्यवस्था की शुरुआत से पहले वित्त वर्ष 2017-2018 के दौरान बिहार में कुल कर 17,236 करोड़ रुपये जुटाए गए थे। वर्ष 2023-2024 में राज्य ने 38,198 करोड़ रुपये कर जुटाया और इस प्रकार 122 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। चालू वित्त वर्ष में अगस्त तक राज्य ने 15,463 करोड़ रुपये जीएसटी के तौर पर जुटाए हैं जो पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि की तुलना में 8.4 प्रतिशत अधिक है। सचिव ने कहा कि विभाग ने चालू वित्त वर्ष के दौरान जीएसटी के रूप में 42,500 करोड़ रुपये वसूलने का लक्ष्य तय किया है। वित्त वर्ष 2022-23 की तुलना में वित्त वर्ष 2023-24 में जीएसटी संग्रह में 18 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई। बिहार अब जीएसटी संग्रह में शीर्ष पांच राज्यों में है।