Highlights
- पिछले साल घरों की कीमतों में 3-7 प्रतिशत की वृद्धि हुई
- कच्चे माल की कीमतों में बढ़ोतरी के चलते बढ़े दाम
- भारत में रियल एस्टेट बाजार ने तेजी से वापसी की है
नई दिल्ली। सीमेंट और इस्पात जैसे कच्चे माल की कीमतों में बढ़ोतरी के चलते आठ प्रमुख शहरों में पिछले साल घरों की कीमतों में 3-7 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। संपत्ति ब्रोकरेज फर्म प्रॉपटाइगर डॉट कॉम की एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है।
प्रॉपटाइगर डॉट कॉम ने अपनी रिपोर्ट ‘रियल इनसाइट रेजिडेंशियल-एनुअल राउंड-अप 2021’ में कहा कि मकानों की बिक्री 2021 में 13 प्रतिशत बढ़कर 2,05,936 इकाई हो गई, जो इससे पिछले साल 1,82,639 इकाई थी। प्रॉपटाइगर ने कहा कि 2020 की तुलना में 2021 में नई आपूर्ति में तेज वृद्धि देखी गई और यह आंकड़ा 1.22 लाख इकाइयों से बढ़कर 2.14 लाख ईकाई हो गया, जो 75 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है।
रिपोर्ट के मुताबिक, कोरोना वायरस महामारी के बाद सरकार के समर्थन उपायों, बेहतर उपभोक्ता भावना और स्थिर कीमतों के चलते यह बढ़ोतरी देखने को मिली। हाउसिंग डॉटकॉम, मकान डॉटकॉम एवं प्रॉपटाइगर डॉटकॉम के समूह मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) ध्रुव अग्रवाल ने कहा कि भारत में रियल एस्टेट बाजार ने तेजी से वापसी की है और सरकार के समर्थन तथा कम ब्याज दर के चलते इस क्षेत्र में गति बरकरार रहेगी।
इस साल भी बढ़ेगी कीमत
वहीं, दूसरी ओर CII-ANAROCK के सर्वेक्षण में शामिल 56% लोगों का मनना है कि 2022 में आवास की कीमतों में वृद्धि होगी। सर्वेक्षण में शामिल लोगों का कहना है कि अगर कीमत में 10% से कम की वृद्धि होती है तो उसका असर बहुत ज्यादा नहीं होगा लेकिन अगर कीमत में 10% से अधिक की वृद्धि होती है तो इसका व्यापक असर देखने को मिल सकता है। सर्वेक्षण में 32% उत्तरदाताओं के लिए रेडी-टू-मूव-इन (RTM) घर अभी भी पहली पसंद है।