अगर आप घर खरीदने के लिए सोच रहें तो यह खबर आपको परेशान कर सकती है। देश में घरों की कीमत में 10 फीसदी की बड़ी बढ़ोतरी हो गई है। रियल एस्टेट सलाहकार फर्म नाइट फ्रैंक ने मंगलवार को आठ प्रमुख रियल्टी बाजारों पर अपनी छमाही रिपोर्ट में कहा कि इस दौरान सालाना आधार पर घरों के दाम दो से 10 प्रतिशत बढ़े हैं। हालांकि, कीमत बढ़ने से मांग में हल्की कमी आई है। रिपोर्ट के मुताबिक, देश के आठ प्रमुख शहरों में चालू वर्ष की पहली छमाही (जनवरी-जून) के दौरान घरों की बिक्री में एक प्रतिशत की गिरावट आई है। वहीं इस दौरानलीज पर ऑफिस स्पेस की मांग तीन प्रतिशत बढ़ी है। आठ प्रमुख शहरों में जनवरी-जून के दौरान घरों की बिक्री एक साल पहले की समान अवधि से एक प्रतिशत घटकर 1,56,640 इकाई रह गई है। पिछले साल की पहली छमाही में घरों की बिक्री 1,58,705 इकाई रही थी। वहीं इस दौरान पट्टे पर कार्यालय स्थल की मांग 2.53 करोड़ वर्ग फुट से तीन प्रतिशत बढ़कर 2.61 करोड़ वर्ग फुट हो गई। घरों की कुल बिक्री में आलीशान मकानों की मांग बढ़ी है। आवास क्षेत्र को मध्यम और प्रीमियम खंड से रफ्तार मिली है। कुल बिक्री में सस्ते मकानों का हिस्सा घटा है।
दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में घरों की बिक्री बढ़ी
हालांकि, देश की वित्तीय राजधानी में लीज पर ऑफिस स्पेस की मांग नौ प्रतिशत बढ़कर 32 लाख वर्ग फुट हो गई, जो एक साल पहले समान अवधि में 30 लाख वर्ग फुट रही थी। दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में घरों की बिक्री तीन प्रतिशत बढ़कर 29,101 से 30,114 इकाई पर पहुंच गई। एनसीआर में कार्यालय स्थल की मांग 24 प्रतिशत बढ़कर 14 लाख वर्ग फुट से 51 लाख वर्ग फुट पर पहुंच गई। बेंगलुरु में आवासीय संपत्तियों की बिक्री 26,677 इकाइयों से दो प्रतिशत घटकर 26,247 इकाई रह गई। वहां कार्यालय स्थल की मांग भी 10 प्रतिशत घटकर 77 लाख वर्ग फुट से 70 लाख वर्ग फुट रह गई। पुणे में घरों की बिक्री 21,797 इकाइयों से एक प्रतिशत गिरकर 21,670 इकाई रह गई। कार्यालय स्थल की मांग 30 प्रतिशत घटकर 23 लाख वर्ग फुट रह गई, जो एक साल पहले समान अवधि में 33 लाख वर्ग फुट थी।
चेन्नई में रियल्टी मार्केट में जरबदस्त तेजी
चेन्नई में घरों की बिक्री 6,951 इकाइयों से तीन प्रतिशत बढ़कर 7,150 इकाई हो गई। दिलचस्प बात यह है कि चेन्नई में कार्यालय स्थल की मांग दोगुना होकर 45 लाख वर्ग फुट पर पहुंच गई, जो एक साल पहले समान अवधि में 22 लाख वर्ग फुट थी। इसी तरह हैदराबाद में घरों की बिक्री पांच प्रतिशत बढ़कर 15,355 इकाई रही। वहीं हैदराबाद में कार्यालय स्थल की मांग आठ प्रतिशत घटकर 29 लाख वर्ग फुट रह गई। कोलकाता में आवासीय संपत्तियों की बिक्री तीन प्रतिशत बढ़कर 7,324 इकाई पर पहुंच गई। वहीं कार्यालय स्थल की मांग तीन प्रतिशत घटकर 60,000 वर्ग फुट पर आ गई। अहमदाबाद में घरों की बिक्री तीन प्रतिशत घटकर 7,982 इकाई रही। कार्यालय स्थल की मांग भी 59 प्रतिशत की भारी गिरावट के साथ 50,000 वर्ग फुट पर आ गई।
लग्जरी फ्लैट की मांग में बड़ी वृद्धि
इस बारे में नाइट फ्रैंक इंडिया के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक शिशिर बैजल ने संवाददाताओं से कहा, आवास ऋण पर ब्याज दरें बढ़ने और वैश्विक स्तर पर प्रतिकूल परिस्थितियों के बावजूद चालू कैलेंडर साल की पहली छमाही में प्रमुख शहरों में आवास और कार्यालय स्थल की मांग स्थिर बनी रही। आवास बाजार पर उन्होंने कहा कि एक मजबूत सकारात्मक उपभोक्ता भावना देखी गई और छह माह की अवधि में घरों की बिक्री लगातार 1.5 लाख इकाइयों से ऊपर रही है। बैजल ने कहा कि घरों की कुल बिक्री में आलीशान मकानों की मांग बढ़ी है। आवास क्षेत्र को मध्यम और प्रीमियम खंड से रफ्तार मिली है। कुल बिक्री में सस्ते मकानों का हिस्सा घटा है। नाइट फ्रैंक के आंकड़ों के अनुसार, जनवरी-जून में मुंबई में घरों की बिक्री आठ प्रतिशत घटकर 40,798 इकाई रह गई, जो एक साल पहले की समान अवधि में 44,200 इकाई थी।