अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने पाकिस्तान में सात अरब अमेरिकी डॉलर के ऋण पैकेज को लागू करने के लिए टैक्स कलेक्शन में कमी और विदेशी ऋणों को अमलीजामा पहनाने में देरी पर चिंता जताई। आईएमएफ मिशन ने पाकिस्तान यात्रा के दौरान अधिकारियों के साथ पांच दिनों तक गहन बैठकें कीं और ऋण से जुड़ी शर्तों को लागू करने पर विचार किया। समाचार पत्र एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि इस दौरान वैश्विक ऋणदाता ने पंजाब के नए कृषि आयकर कानून के बारे में भी चिंता जताई, जो अभी भी संघीय कानून के साथ पूरी तरह जुड़ा नहीं है। बता दें कि पाकिस्तान कर्ज के बोझ तले दबा है और आईएमएफ की मदद के सहारे चल रहा है। बढ़ती महंगाई और आर्थिक तंगी से पाकिस्तान के लोग परेशान हैं।
जताई 2 प्रमुख चिंताएं
एक सूत्र ने कहा कि आईएमएफ मिशन ने शुक्रवार को दो प्रमुख चिंताओं का जिक्र किया- पहली, संघीय राजस्व बोर्ड (एफबीआर) का खराब प्रदर्शन और दूसरी, 2.5 अरब अमेरिकी डॉलर के अंतर को भरने के लिए ऋणों को अंतिम रूप देने में देरी। आईएमएफ ने पाकिस्तान से कहा कि वह आस्थगित भुगतान पर तेल पाने के लिए रियाद से संपर्क करे और बीजिंग से ऋण पुनर्गठित करने का अनुरोध करे।
पाकिस्तान के मुद्रा भंडार में हुआ इजाफा
पाकिस्तान के विदेशी मुद्रा भंडार में 8 नवंबर को समाप्त हुए सप्ताह में बढ़ोतरी हुई है। स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान द्वारा जारी वीकली रिपोर्ट के अनुसार, विदेशी मुद्रा भंडार 34 मिलियन डॉलर बढ़कर 15.966 अरब डॉलर पर पहुंच गया है।