भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) ने लगभग 68.5 लाख रुपये का बकाया वसूलने के लिए वेणुगोपाल धूत और वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज की प्रवर्तक इकाई इलेक्ट्रोपार्ट्स (इंडिया) के बैंक खातों, शेयरों और म्यूचुअल फंड होल्डिंग को कुर्क करने का आदेश दिया है। इससे पहले भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड ने 30 सितंबर को वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज की प्रवर्तक इकाई इलेक्ट्रोपार्ट्स (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड और इसके मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) वेणुगोपाल धूत को नोटिस भेजा था।
15 दिन के भीतर बकाया चुकाने का दिया था आदेश
नोटिस में उन्हें वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज के शेयरों में भेदिया कारोबार गतिविधियों के एक मामले में 15 दिन के भीतर बकाया राशि का भुगतान करने को कहा गया था। धूत और इलेक्ट्रोपार्ट्स (इंडिया) के जुर्माने न देने पर ताजा कार्यवाही की गई। शुक्रवार को जारी दो कुर्की आदेशों में बाजार नियामक ने लंबित बकाया राशि की वसूली के लिए वेणुगोपाल धूत और इलेक्ट्रोपार्ट्स (इंडिया) के बैंक, डीमैट खातों और म्यूचुअल फंड होल्डिंग को जब्त करने का आदेश दिया है।
अर्श से फर्श तक वेणुगोपाल धूत का सफर
आपको बता दें कि बजाज स्कूटर की डीलरशिप रखने वाले परिवार से ताल्लुक रखने वाले वेणुगोपाल धूत ने कुछ दशकों में ही इलेक्ट्रॉनिक्स उपभोक्ता उत्पादों की श्रेणी में अपनी कंपनी वीडियोकॉन को घर-घर तक पहुंचा दिया था। लेकिन समय का चक्र बदला और वह लगातार आर्थिक मुश्किलों में घिरते चले गए। वेणुगोपाल धूत ने अपना सफर छोटे कस्बे के एक कारोबारी के रूप में शुरू किया था। नंदलाल माधवलाल धूत के बड़े बेटे वेणुगोपाल ने अपनी कोशिशों से वीडियोकॉन ग्रुप का विस्तार घरेलू इलेक्ट्रॉनिक्स उपकरणों के अलावा तेल एवं गैस, रियल एस्टेट और खुदरा कारोबार में भी किया। उनका जन्म महाराष्ट्र के अहमदनगर में एक कृषक परिवार में हुआ था। उनके पिता के पास रुई ओटने वाली एक मिल थी और वह अनाज का थोक कारोबार भी करते थे। लेकिन 1982 में देश में रंगीन टेलीविजन प्रसारण शुरू होने के साथ परिवार को एक नया कारोबारी अवसर नजर आया और उसने रंगीन टीवी सेट बनाने की सोची। पुणे विश्वविद्यालय से इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाले वेणुगोपाल ने टेलीविजन निर्माण की बारीकियां सीखने के लिए जापान का रुख किया और एक साल तक वहां पर इसका प्रशिक्षण लिया।
वहां से लौटने के बाद 1986 में वेणुगोपाल ने वीडियोकॉन इंटरनेशल की नींव रखी जिसका इरादा हर साल एक लाख टीवी सेट बनाने का था। इसके लिए कंपनी ने जापानी कंपनी तोशिबा के साथ तकनीकी सहयोग करार भी किया था। वहां से शुरू हुआ सिलसिला लंबे समय तक जारी रहा। रंगीन टीवी सेट के मामले में अपनी पकड़ बनाने के बाद वीडियोकॉन ने फ्रिज, वॉशिंग मशीन, एयर कंडीशनर और अन्य छोटे इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के क्षेत्र में भी कदम रखा। इस दौरान उसने ओनिडा, सलोरा और वेस्टन जैसी कंपनियों को पीछे छोड़ दिया। समस्या उस समय शुरू हुई जब धूत ने वीडियोकॉन का विस्तार अन्य कारोबार क्षेत्रों में भी किया।