केंद्रीय बजट 2023 के बाद अपनी पहली मौद्रिक नीति बैठक में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने रेपो दर में 25 आधार अंकों की बढ़ोतरी की है। इसके साथ ही रेपो रेट बढ़कर 6.5% हो गया है। बैंकिंग क्षेत्र के जानकारों का कहना है कि करीब तीन साल बाद फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) कराने वालों के लिए यह बढ़ोतरी सुनहरा अवसर लेकर आया है। ऐसा इसलिए कि कोरोना महामारी के बाद साल 2020 से रेपो रेट में कमी का सिलसिला शुरू हुआ था। इसके बाद बैंकों ने एफडी पर ब्याज दरों में बड़ी कमी की थी। यह दौर करीब 3 साल रहा। उसके बाद एक बार फिर बैंकों ने एफडी पर ब्याज दरों में कई बार बढ़ोतरी की है। इसके चलते एफडी पर ब्याज बढ़कर 7% हो गई है। कई बैंक स्पेशल स्कीम के तहत 7.5% से लेकर 8% की दर से ब्याज दे रहे हैं। आज की बढ़ोतरी के बाद बैंक फिर से एफडी पर ब्याज बढ़ाएंगे। इस मौके का फायदा उठाकर निवेशक सबसे बेहतर रिटर्न वाले एफडी को बुक कर सकते हैं।
RBI रेपो रेट में बढ़ोतरी: FD निवेशकों के लिए अच्छी खबर
आरबीआई द्वारा रेपो रेट में बढ़ोतरी पर प्रतिक्रिया देते हुए बैंकिंग विशेषज्ञों ने कहा कि फिक्स्ड डिपॉजिट निवेशकों के लिए यह एक अच्छी खबर है क्योंकि बैंक डिपॉजिट दरें बढ़ाएंगे। इसके चलते एफडी अधिक आकर्षक हो जाएगी। इसके कारण अधिक लोग एफडी में निवेश करने के लिए इच्छुक होंगे। सबसे ज्यादा फायदा वरिष्ठ नागरिकों को होगा।
एफडी पर बैंकों में मिल रही ब्याज की दर
मौजूदा समय में देश के शीर्ष बैंक, जैसे भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई), एक्सिस बैंक, एचडीएफसी, आईसीआईसीआई और कोटक बैंक, 3%-6.35% की दर से ब्याज प्रदान कर रहे हैं। वहीं, 2 साल की अवधि के लिए, एसबीआई एफडी की ब्याज दर 6.75%, एक्सिस बैंक एफडी 7.26%, एचडीएफसी बैंक एफडी 7%, आईसीआईसीआई बैंक एफडी 7% और कोटक बैंक एफडी 6.75% है। हालांकि, आईडीएफसी फर्स्ट बैंक और इंडसइंड बैंक 2 साल की एफडी के लिए 7.5% की ब्याज दर की पेशकश करते हैं। आने वाले दिनों में इसमें एक और बार बढ़ोतरी होगी। कई बैंक वरिष्ठ नागरिकों को 8% की दर से ब्याज दे रह हैं।
किस तरह पाएं एफडी पर सबसे ज्यादा ब्याज
बैंकिंग क्षेत्र के जानकारों का कहना है कि एफडी पर ज्यादा ब्याज पाने के लिए बैंकों की ओर से दी जा रही ब्याज दर की तुलना करें। आप अवधि का चयन सही तरीके से कर कर ज्यादा ब्याज पा सकते हैं। सरकारी बैंकों के मुकाबले आपको निजी बैंकों में ज्यादा ब्याज मिल सकता है। इसके साथ ही अगर आप एफडी पर अधिक ब्याज चाहते हैं तो auto-renewal विकल्प से बचें। बैंक आमतौर पर फिक्स्ड डिपॉजिट में निवेश करने वाले ग्राहकों को ऑटो-रिन्यूअल का विकल्प देते हैं। यदि कोई ग्राहक ऑटो-रिन्यूअल विकल्प चुनता है, तो बैंक परिपक्वता के समय वर्तमान ब्याज दर के साथ उसी अवधि के लिए सावधि जमा को स्वतः नवीनीकृत कर देता है। इससे आप ज्यादा ब्याज पाने से चूक जाते हैं।