Saturday, October 05, 2024
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बासमती की खेती का रकबा 12.58% बढ़ा, किसान चावल पर MEP घटाने की कर रहे मांग

सुखबीर सिंह बादल ने रविवार को केंद्र सरकार से बासमती चावल के न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) को 950 डॉलर से घटाकर 750 डॉलर प्रति टन करने का आग्रह किया ताकि किसानों के लिए बेहतर कीमत सुनिश्चित हो सके।

Edited By: Pawan Jayaswal
Updated on: August 18, 2024 23:09 IST
चावल का रकबा- India TV Paisa
Photo:FILE चावल का रकबा

पंजाब के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री गुरमीत सिंह खुड्डियां ने रविवार को कहा कि राज्य सरकार के फसल विविधीकरण अभियान से चालू खरीफ सत्र के दौरान बासमती की खेती का रकबा 12.58 प्रतिशत बढ़ाने में मदद मिली है। मंत्री ने कहा कि लंबे दाने वाले चावल की खेती बढ़कर 6.71 लाख हेक्टेयर तक हो गई है, जो पिछले खरीफ सत्र में 5.96 लाख हेक्टेयर थी। बासमती की खेती के जिलेवार आंकड़े देते हुए खुड्डियां ने कहा कि अमृतसर इस सुगंधित चावल के लिए 1.46 लाख हेक्टेयर क्षेत्र के साथ अग्रणी है।

इस बार अच्छी फसल की उम्मीद

अमृतसर के बाद मुक्तसर में 1.10 लाख हेक्टेयर, फाजिल्का में 84.9 हजार हेक्टेयर, तरनतारन में 72.5 हजार हेक्टेयर और संगरूर में 49.8 हजार हेक्टेयर में बासमती की खेती की गई। मंत्री ने कहा कि राज्य ने बासमती की निर्यात गुणवत्ता को विश्व स्तरीय मानक तक बढ़ाने के लिए इस सुगंधित फसल में 10 कीटनाशकों के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया है। 

कम हो चावल का MEP

शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने रविवार को केंद्र सरकार से बासमती चावल के न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) को 950 डॉलर से घटाकर 750 डॉलर प्रति टन करने का आग्रह किया ताकि किसानों के लिए बेहतर कीमत सुनिश्चित हो सके और साथ ही अंतरराष्ट्रीय बाजार में इस किस्म की प्रतिस्पर्धात्मकता भी बढ़े। शिअद अध्यक्ष ने कहा कि हालांकि इस वर्ष बंपर फसल की उम्मीद है, लेकिन यदि सरकार ने इस चावल की किस्म के लिए एमईपी की समीक्षा नहीं की तो बासमती किसानों को इसका लाभ नहीं मिलेगा। उन्होंने कहा, “उद्योगपति मौजूदा एमईपी पर निर्यात नहीं कर पा रहे हैं, क्योंकि पाकिस्तान 750 डॉलर प्रति टन एमईपी पर उत्पाद निर्यात कर रहा है। इससे अंतरराष्ट्रीय बासमती बाजार पर भी असर पड़ा है और अनिश्चितता पैदा हुई है।”

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