यदि आज वीकेंड पर बैंक का कामकाज निपटाना चाह रहे थे, तो आपके लिए अच्छी खबर है। बैंक कर्मचारियों के संगठन अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ (AIBEA) ने शनिवार को प्रस्तावित देशव्यापी बैंक हड़ताल (Bank Strike) वापस ले ली है। इससे पहले कर्मचारी संघ ने अपनी कुछ मांगों को लेकर हड़ताल पर जाने का फैसला किया था। निजी बैंक इस हड़ताल से बाहर थे। ऐसे में अब निजी और सरकारी बैंकों में आम दिनों की तरह कामकाज निपटाएंगे।
एआईबीईए ने एक बयान में कहा है कि भारतीय बैंक संघ के ज्यादातर मांगों को मानने पर सहमत होने के बाद एआईबीईए की तरफ से यह हड़ताल वापस ली गई है। इस निर्णय के बाद सभी बैंकों में काम सामान्य रुप से चलता रहेगा और बिना किसी व्यवधान के लेन-देन किया जा सकेगा।
एआईबीईए के महासचिव सीएच वेंकटचलम ने कहा, ‘‘सभी मुद्दों पर सहमति बनी है। आईबीए और बैंक इस मुद्दे को द्विपक्षीय रूप से हल करने पर सहमत हुए हैं। इसलिए हमारी हड़ताल टाल दी गई है।’’
क्यों हो रही थी हड़ताल
बैंक यूनियनों ने हड़ताल पर जाने का सबसे महत्वपूर्ण कारण बैंकों के कामकाज की आउटसोर्सिंग को बताया है। इसी के विरोध में शनिवार को यूनियनें बैंक हड़ताल कर रही थीं। एआईबीईए के महासचिव सी एच वेंकटचलम ने कहा था कि हड़ताल से सार्वजानिक क्षेत्र के बैंकों का कामकाज प्रभावित हो सकता है। हालांकि, इससे निजी क्षेत्र के बैंक प्रभावित नहीं होंगे।
क्या है आउटसोर्सिंग का खतरा
वेंकटचलम ने कहा कि कुछ बैंकों द्वारा नौकरियों की आउटसोर्सिंग से ग्राहकों की गोपनीयता और उनकी जमा धन को लेकर जोखिम पैदा हो सकता है। उन्होंने कहा कि कुछ बैंक औद्योगिक विवाद (संशोधन) कानून का भी उल्लंघन कर रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि ऐसे मामले जिनमें श्रम अधिकारियों ने हस्तक्षेप किया है, उनमें भी प्रबंधन सलाह को नजरअंदाज कर रहे हैं। प्रबंधन द्वारा कर्मचारियों का जबरन स्थानांतरण किया जा रहा है।