अगर आपके पास एक से अधिक बैंक अकाउंट हैं और आपने किसी खाते को आपने लंबे समय से इस्तेमाल नहीं किया है तो यह खबर आपके लिए है। आज से भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) का नया दिशा-निर्देश लागू हो रहा है, जिसके तहत 3 तरह के बैंक खाते बंद किए जाएंगे। इसमें डॉरमेंट खाता, निष्क्रिय खाता और शून्य बैलेंस वाला खाता शामिल है। आरबीआई के इस पहल का उद्देश्य सुरक्षा बढ़ाना, धोखाधड़ी कम करना और बैंकिंग परिचालन में सुधार करना है। आइए जानते हैं कि डॉरमेंट खाता, निष्क्रिय खाता और शून्य बैलेंस किसे कहते हैं और कब कोई अकाउंट इस श्रेणी में चला जाता है।
डॉरमेंट अकाउंट: जिन खातों में लगातार 2 साल या उससे ज्यादा समय तक कोई लेन-देन नहीं हुआ है, उन्हें डॉरमेंट अकाउंट की श्रेणी में रखा जाता है। ये खाते हैकिंग और धोखाधड़ी की गतिविधियों के लिए इस्तेमाल किए जा सकते हैं। इसको देखते हुए आरबीआई ने बैंकों को इस श्रेणी में शामिल खातों को बंद करने का निर्देश दिया है।
निष्क्रिय खाते: निष्क्रिय खाते वे खाते हैं जिनमें पिछले 12 महीने या उससे ज़्यादा समय से कोई लेन-देन नहीं हुई है। अगर किसी खाताधारक ने इस अवधि के दौरान कोई लेन-देन नहीं किया है, तो उन्हें अपनी बैंक शाखा से संपर्क करना होगा और अपने खाते को फिर से सक्रिय करने के लिए जरूरी कदम उठाने होंगे। ऐसा नहीं करने पर बैंक उनके खाते को बंद कर देगा।
जीरो बैलेंस अकाउंट: जिन खातों में लंबे समय तक शून्य शेष राशि बनी रहती है, उन्हें जीरो बैलेंस अकाउंट कहा जाता है। इस तरह के खाते को भी आरबीआई ने बंद करने का निर्देश दिया है।
खाता बंद होने से बचाने के लिए क्या करें?
खाता बंद होने से बचाने के लिए, खाताधारकों को सलाह दी जाती है कि वे अपने निष्क्रिय खातों को पुनः सक्रिय करें। अगर आपका खाता 12 महीने से अधिक समय से निष्क्रिय है, तो कम से कम एक लेन-देन करें। अगर आपका खाता दो साल से निष्क्रिय है, तो इसे पुनः सक्रिय करने के लिए अपनी बैंक शाखा में जाएं। जीरो बैलेंस अकाउंट में यह सुनिश्चित करें कि आपका खाता लंबे समय तक शून्य शेष राशि पर न रहे।