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Alert: इस हफ्ते 2 दिन रहेगी बैंकों में हड़ताल, अटक सकते हैं आपके जरूरी काम

यूएफबीयू के संयोजक बी रामबाबू ने कहा कि संगठन ने बैंकिंग कानून (संशोधन) विधेयक 2021 के विरोध में और सरकारी बैंकों के निजीकरण के केंद्र के कथित कदम का विरोध करते हुए यह हड़ताल बुलाई है

Edited by: India TV Paisa Desk
Updated on: December 14, 2021 11:57 IST
Alert: इस हफ्ते 2 दिन रहेगी...- India TV Paisa
Photo:PTI

Alert: इस हफ्ते 2 दिन रहेगी बैंकों में हड़ताल, अटक सकते हैं आपके जरूरी काम

Highlights

  • पूरे देश में 16 और 17 दिसंबर को बैंकों की दो दिन की हड़ताल
  • सरकारी बैंकों के निजीकरण के केंद्र के कथित कदम का विरोध
  • सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र के दो बैंकों के निजीकरण की घोषणा की

इस हफ्ते यदि आपको बैंक से जुड़ा कोई जरूरी काम है तो एक बार कैलेंडर में तारीखें जरूर नोट कर लें। दरअसल इस हफ्ते 2 दिन बैंकों में हड़ताल है। दरअसल बैंकों के संघ यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस (यूएफबीयू) ने पूरे देश में 16 और 17 दिसंबर को बैंकों की दो दिन की हड़ताल का आह्वान किया है। ऐसे में आपको बैंक से जुड़े कामकाज निपटाने में परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। 

यूएफबीयू के संयोजक बी रामबाबू ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि संगठन ने बैंकिंग कानून (संशोधन) विधेयक 2021 के विरोध में और सरकारी बैंकों के निजीकरण के केंद्र के कथित कदम का विरोध करते हुए यह हड़ताल बुलाई है। यूएफबीयू के तहत बैंकों की नौ यूनियनें आती हैं। 

निजीकरण का विरोध

गौरतलब है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस साल की शुरुआत में वित्त वर्ष 2021-22 का बजट पेश करते हुए 1.75 लाख करोड़ रुपये जुटाने के विनिवेश लक्ष्य के तहत सार्वजनिक क्षेत्र के दो बैंकों के निजीकरण की घोषणा की थी। इससे पहले सरकार ने 2019 में आईडीबीआई बैंक में अपनी बहुलांश हिस्सेदारी एलआईसी को बेचकर आईडीबीआई बैंक का निजीकरण कर दिया था। इसके अलावा पिछले चार साल में 14 सरकारी बैंकों का विलय किया गया है। 

किस बात का है विरोध 

यूएफबीयू ने यह आरोप भी लगाया है कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को 13 कंपनियों के ऋण बकाया के कारण लगभग 2.85 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। साथ ही यह भी कहा है कि बैंक, यस बैंक और आईएलएंडएफएस जैसे संकटग्रस्त संस्थानों को उबारने का काम करते रहे हैं। यूएफबीयू द्वारा दिए गए आंकड़ों के अनुसार, 13 निजी कंपनियों का बकाया 4,86,800 करोड़ रुपये था और इसे 1,61,820 करोड़ रुपये में निपटाया गया, जिसके परिणामस्वरूप 2,84,980 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। 

सरकारी बैंकों का गलत इस्तेमाल

सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का इस्तेमाल निजी क्षेत्र के संकटग्रस्त बैंकों जैसे ग्लोबल ट्रस्ट बैंक, यूनाइटेड वेस्टर्न बैंक, बैंक ऑफ कराड, आदि को राहत देने के लिए किया गया है। हाल के दिनों में, यस बैंक को सरकारी बैंक एसबीआई (भारतीय स्टेट बैंक) ने संकट से निकाला। इसी तरह निजी क्षेत्र की सबसे बड़ी एनबीएफसी (गैर बैंकिंग वित्त कंपनी), आईएलएंडएफएस को सार्वजनिक क्षेत्र के एसबीआई और एलआईसी ने संकट से निकाला।"

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