Thursday, November 07, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. पैसा
  3. बिज़नेस
  4. रुपये में भारत के साथ कारोबार करने को इच्छुक हैं बांग्लादेश-श्रीलंका सहित कई देश, लेनदेन लागत में आएगी कमी

रुपये में भारत के साथ कारोबार करने को इच्छुक हैं बांग्लादेश-श्रीलंका सहित कई देश, लेनदेन लागत में आएगी कमी

गोयल ने कहा कि धीरे-धीरे देशों को यह एहसास हो रहा है कि घरेलू मुद्रा में व्यापार करने के कई फायदे हैं। कई देश इस व्यवस्था के लिए आगे आए हैं। भारत ने नेपाल और भूटान समेत पड़ोसी देशों के साथ रुपये में व्यापार शुरू कर दिया है।

Edited By: Sourabha Suman @sourabhasuman
Updated on: March 11, 2024 13:20 IST
वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल।- India TV Paisa
Photo:PIYUSH GOYAL X HANDLE वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल।

भारतीय रुपये की वैल्यू दुनिया में लगातार बढ़ रही है। इसको लेकर वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने सोमवार को कहा है कि बांग्लादेश, श्रीलंका और खाड़ी क्षेत्र के देशों सहित कई विकसित और विकासशील देश भारत के साथ रुपये में व्यापार शुरू करने के इच्छुक हैं। इन देशों का मानना है कि इससे कारोबार के लिए लेनदेन लागत में कटौती करने में मदद मिलेगी। गोयल ने विश्वास व्यक्त किया कि यह विकास भारत के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के लिए बहुत गेम-चेंजिंग आयाम होने जा रहा है। भाषा की खबर के मुताबिक, बांग्लादेश, श्रीलंका पहले से ही हमसे बात कर रहे हैं और वे चाहते हैं कि हम इसे तुरंत शुरू करें। खाड़ी क्षेत्र के दूसरे देश इस पर विचार कर रहे हैं।

फायदा दिखने में कुछ समय लगेगा

खबर के मुताबिक, केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मुझे लगता है कि लोगों को इसका फायदा दिखने में कुछ समय लगेगा और फिर हमारे पास अधिक से अधिक विकसित देश और सुदूर पूर्व के देश भी शामिल होंगे। सिंगापुर पहले से ही कुछ हद तक बोर्ड पर है। गोयल ने कहा कि धीरे-धीरे देशों को यह एहसास हो रहा है कि घरेलू मुद्रा में व्यापार करने के कई फायदे हैं। उन्होंने कहा कि यह अब जोर पकड़ रहा है और कई देश इस व्यवस्था के लिए आगे आए हैं। इसके लिए भारत से बात कर रहे हैं क्योंकि वे भी अपनी स्थानीय मुद्रा और रुपये के बीच सीधा लेनदेन शुरू करना चाहेंगे।

लेन-देन की लागत में काफी राहत मिलेगी

गोयल ने बताया कि धीरे-धीरे यह समझ आ रही है कि सभी लेन-देन को तीसरी मुद्रा में बदलने के बजाय, दोनों तरीकों से लेन-देन की लागत में काफी वृद्धि होती है। दूसरी मुद्राओं में व्यापार करने से विदेशी मुद्रा और लेनदेन का नुकसान होता है क्योंकि एक्सचेंज की लागत होती है। धन की आवाजाही में देरी से भी लेन-देन करने वालों की लागत बढ़ गई। हमने यूएई से शुरुआत की। यूएई इसे स्वीकार करने वाले पहले देशों में से एक था। यह अब जोर पकड़ रहा है। हमारे पास बहुत से देश आते हैं और हमसे बात करते हैं कि वे स्थानीय मुद्रा और रुपये के बीच सीधा लेनदेन भी शुरू करना चाहते हैं।

जब यह उड़ान भरेगा, तो यह बस उड़ जाएगा

पीयूष गोयल ने कहा कि यह एक प्रक्रिया है जिसमें समय लगता है। इसमें रूपरेखा बनाने के लिए दोनों देशों के केंद्रीय बैंकरों को शामिल किया गया है और फिर यह आयातकों और निर्यातकों द्वारा स्वीकृति विकसित करता है। गोयल ने कहा, जब यह उड़ान भरेगा, तो यह बस उड़ जाएगा। यह जुड़ाव इसलिए भी फायदेमंद है क्योंकि भारतीय रुपया ज्यादातर अंतरराष्ट्रीय मुद्राओं के मुकाबले स्थिर है और विशेषज्ञों के मुताबिक, यही एक वजह है कि आज विभिन्न देश रुपये के व्यापार पर आधारित व्यापार संबंध बनाना चाहते हैं।

कई देशों को भी मदद मिल रही

रुपये के व्यापार से उन कई देशों को भी मदद मिल रही है, जिनके पास डॉलर की कमी है। भारत ने नेपाल और भूटान समेत पड़ोसी देशों के साथ रुपये में व्यापार शुरू कर दिया है। रूस के साथ राष्ट्रीय मुद्रा में व्यापार को सुविधाजनक बनाने के लिए रुपया व्यापार तंत्र शुरू किया गया है, जबकि श्रीलंका ने रुपये को अपनी नामित विदेशी मुद्राओं की सूची में शामिल किया है। भारत द्वारा खरीदे गए कच्चे तेल के लिए रुपये में पहली बार भुगतान संयुक्त अरब अमीरात से किया गया था और इससे दुनिया के तीसरे सबसे बड़े ऊर्जा उपभोक्ता को स्थानीय मुद्रा को ग्लोबल लेवल पर ले जाने में मदद मिल रही है, क्योंकि यह दूसरी सप्लायर्स के साथ इसी तरह के सौदों की तलाश में है।

Latest Business News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Business News in Hindi के लिए क्लिक करें पैसा सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement