बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने शनिवार को कहा कि वह आगामी दुर्गा पूजा के दौरान भारत को 3,000 टन हिल्सा मछली का निर्यात करेगी। सरकार ने अपने पिछले फैसले में संशोधन किया है। दुर्गा पूजा नौ से 13 अक्टूबर तक मनाई जाएगी। कुछ ही दिनों पहले प्रोफेसर मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार ने घरेलू मांग को पूरा करने के लिए भारत को हिल्सा निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था। इससे बांग्लादेश द्वारा अपने पड़ोसी के प्रति ‘सद्भावना संकेत’ के रूप में लंबे समय से चली आ रही परंपरा समाप्त हो गई थी।
वर्षों से चली आ रही परंपरा
वाणिज्य मंत्रालय ने बयान में कहा, “निर्यातकों की अपील को देखते हुए आगामी दुर्गा पूजा के अवसर पर विशिष्ट शर्तों को पूरा करते हुए 3,000 टन हिल्सा मछली (भारत को) निर्यात करने की मंजूरी दे दी गई है।” मंत्रालय ने आवेदकों से निर्यात की अनुमति प्राप्त करने के लिए संबंधित शाखा से संपर्क करने को कहा। अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना के नेतृत्व वाली पिछली अवामी लीग सरकार ने सद्भावना के तौर पर हर साल सितंबर और अक्टूबर के बीच भारत को हिल्सा निर्यात की अनुमति दी थी। यह परंपरा वर्षों से चली आ रही थी।
पिछले साल 4,000 टन निर्यात की अनुमति दी थी
अधिकारियों ने बताया कि बांग्लादेश ने 2023 में 79 कंपनियों को भारत को कुल 4,000 टन निर्यात करने की अनुमति दी थी। बांग्लादेश दुनिया का सबसे बड़ा हिल्सा उत्पादक है, लेकिन स्थानीय मांग अधिक होने के कारण वह इस मछली के निर्यात पर प्रतिबंध लगाता है। हालांकि, दुर्गा पूजा उत्सव के दौरान, वह आमतौर पर इस मछली के निर्यात पर प्रतिबंध में ढील देता है, जो बंगालियों का एक बहुत पसंदीदा व्यंजन है। भारत के मछली आयातक संघ ने इस महीने की शुरुआत में बांग्लादेश के विदेश मामलों के सलाहकार तौहीद हुसैन से दुर्गा पूजा के दौरान भारत को हिल्सा मछली के निर्यात की अनुमति देने का आग्रह किया था, जब देश में अशांति और सरकार परिवर्तन के कारण इस वर्ष मछली के निर्यात को लेकर अनिश्चितता बनी हुई थी। एसोसिएशन के सचिव सैयद अनवर मकसूद ने नौ सितंबर को लिखे पत्र में बताया कि बांग्लादेश ने 2012 में हिल्सा के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था, लेकिन पिछले पांच वर्षों से सद्भावना के तौर पर वह सितंबर के पहले सप्ताह से दुर्गा पूजा के अंत तक सीमित मात्रा में इसके निर्यात की अनुमति दे रहा है।