GST on Hostels: पढ़ाई के साथ गरीब छात्रों के लिए सस्ती कीमत पर शहरों में रहना भी अब धीरे-धीरे महंगा हो जाएगा। केंद्र सरकार ने ऐलान किया है कि छात्रावासों के किराए पर अब 12 प्रतिशत जीएसटी लगेगा, जिसके चलते छात्रों को अब अधिक भुगतान करना होगा। अग्रिम निर्णय प्राधिकरण (एएआर) ने दो अलग-अलग मामलों में यह फैसला दिया। एएआर की बेंगलुरु पीठ ने कहा कि छात्रावास, आवासीय इकाइयों के समान नहीं हैं और इसलिए उन्हें वस्तु एवं सेवा कर (GST) से छूट प्राप्त नहीं है। श्रीसाई लक्जरी स्टे एलएलपी के आवेदन पर फैसला देते हुए एएआर ने कहा कि 17 जुलाई 2022 तक होटल, क्लब, कैंपसाइट की प्रतिदिन 1,000 रुपये तक के शुल्क वाली आवास सेवाओं पर जीएसटी छूट लागू थी। बेंगलुरु पीठ ने कहा कि पीजी/छात्रावास का किराया जीएसटी छूट के लिए योग्य नहीं है।
सरकार धीरे-धीरे बढ़ा रही बोझ
क्योंकि आवेदक की सेवाएं आवासीय भवन को किराए पर देने के समान नहीं हैं। फैसले में कहा गया कि आवासीय परिसर स्थायी निवास के लिए है, और इसमें गेस्ट हाउस, लॉज या ऐसी जगहें शामिल नहीं हैं। बता दें हाल ही में केंद्र सरकार ने ऑनलाइन गेमिंग पर 28 प्रतिशत जीएसटी तय किया था। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में वस्तु एवं सेवा कर (GST) परिषद की आज 11 जुलाई को हुई 50वीं बैठक में ऑनलाइन गेमिंग पर 28 प्रतिशत टैक्स लगाने पर फैसला ले लिया गया है। ऑनलाइन गेमिंग के पूर्ण मूल्य पर 28% जीएसटी दर की प्रभावी तिथि जीएसटी कानून में संशोधन के बाद लागू की जाएगी।
पश्चिम बंगाल की वित्त मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य ने जीएसटी परिषद की यहां हुई बैठक में लिए गए इस फैसले की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि जीएसटी परिषद ने तय किया है कि ऑनलाइन गेमिंग, कसीनो और घुड़दौड़ में बाजी लगाते समय की समूची राशि पर 28 प्रतिशत की दर से कर लगेगा।
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