IT सेक्टर में नौकरी ढूंढ रहे युवाओं के लिए बुरी खबर है। वैश्विक अर्थव्यवस्था में मंदी के चलते आईटी कंपनियों के पास काम की कमी है। इसके चलते कंपनियां जहां एक ओर बड़े पैमाने पर छंटनी कर रही है, वहीं दूसरी ओर नई नियुक्तियां भी काफी कम कर रही है। अब आईटी कंपनियों ने अपने मार्जिन को बेहतर बनाने के लिए कैंपस प्लेसमेंट बंद करने का फैसला लिया है। दिग्गज आईटी कंपनी इन्फोसिस ने नई भर्तियों के लिए कैंपस प्लेसमेंट रोकने का फैसला किया है। आने वाले समय में दूसरी कंपनियां भी इस मॉडल को फॉलो कर सकती हैं। इससे लाखों फ्रेशर्स आईटी प्रोफेशनल्स को झटका लग सकता है। पहले ही Wipro ने फ्रेशर्स के पैकेज में 46% कमी करने का फैसला लिया था। अब कैंपस प्लेसमेंट बंद करने से फ्रेशर्स को नौकरी मिलने में परेशानी होगी।
आईटी कंपनी इन्फोसिस ने क्या कहा?
इन्फोसिस के मुख्य वित्त अधिकारी (सीएफओ) निलंजन रॉय ने कहा कि कंपनी फिलहाल नई भर्तियों के लिए कॉलेज के कैंपस नहीं जा रही है। कंपनी ने पिछले साल 50,000 युवाओं को नौकरी दी थी। इससे समझा जा सकात है कि कंपनी द्वारा कैंपस प्लेसमेंट रोकने से कितने बड़े पैमाने पर युवा प्रभावित होंगे। इससे पहले TCS ने भी बताया था कि उसके यहां कुल कर्मचारियों की संख्या में 6000 से ज्यादा की गिरावट आई है। पिछले साल से लेकर इस साल के शुरुआत तक दुनियाभर में आईटी कंपनियों से लाखों कर्मचारियों की छंटनी हुई है। साथ ही पैकेज में भी कटौती की गई है।
‘वर्क फ्रॉम होम’ को लेकर अलग-अलग राय
वर्क फ्रॉम होम को लेकर इन्फोसिस और टीसीएस की अलग-अलग राय है। इन्फोसिस के सीईओ सलिल पारेख ने कहा कि ऑफिस में आकर काम करने वाले कर्मचारियों की संख्या बढ़ रही है। हालांकि उन्होंने कहा कि कंपनी अपनी सोच में लचीलापन बनाए रखना चाहती है। कर्मचारियों के ऑफिस से काम करने के मामले में इन्फोसिस की स्थिति प्रतिद्वंद्वी टीसीएस से अलग। TCS ने कोविड-19 महामारी के बाद शुरू की गई ‘वर्क फ्रॉम होम’ (डब्ल्यूएफएच) प्रणाली को खत्म करते हुए 6.14 लाख से ज्यादा अपने कर्मचारियों को कार्यालय आने के लिए कहा है।