भारत में मनोरंजन को लेकर लोगों के खर्च की आदत में तेजी से बदलाव आ रहा है। भारत में लोग अब नेटफ्लिक्स और अमेजन जैसे ओटीटी प्लेटफॉर्म पर अब लोग मोबाइल के मासिक रिचार्ज से भी ज्यादा खर्च कर रहे हैं। प्रौद्योगिकी और नीति शोध संस्था ‘एस्या सेंटर’ ने एक रिपोर्ट में सामने आया है कि आम भारतीय उपभोक्ता हर महीने ऑनलाइन गेमिंग पर 100 रुपये से कम और ओवर-द-टॉप (ओटीटी) मंच पर 200-400 रुपये से कम खर्च करते हैं। जबकि मोबाइल कंपनियों की प्रति यूजर कमाई अभी भी 200 रुपये से कम है।
इंटरनेट पर कितना समय बिता रहे हैं हम
भारतीय प्रबंध संस्थान-अहमदाबाद (आईआईएम-ए) के एक पत्र में प्रकाशित सर्वेक्षण में बताया गया है कि उपयोगकर्ता प्रतिदिन सोशल मीडिया पर अधिकतम 194 मिनट, ऑनलाइन गेमिंग पर 46 मिनट और ओटीटी पर 44 मिनट बिताते हैं। रिपोर्ट में दिल्ली एनसीआर, बेंगलुरु, चेन्नई, मुंबई, कोलकाता, पटना, मैसूर, लखनऊ, जयपुर, और भोपाल के 2,000 उत्तरदाताओं के विचार लिए गए हैं। इसके अलावा 143 मोबाइल एप्लिकेशन में 20.6 लाख से अधिक उपयोगकर्ताओं का इन-ऐप डेटा पर यह रिपोर्ट आधारित है।
गेमिंग पर टैक्स से 400 प्रतिशत बढ़ेगा उद्योग का खर्चा
रिपोर्ट के अनुसार, ऑनलाइन गेमिंग को लेकर नीति निर्माताओं की चिंता उपयोगकर्ता के समय-व्यय और खर्च किए जाने वाले पैसे को लेकर है। रिपोर्ट माल एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद की बैठक के बाद आई है, जिसमें ऑनलाइन गेमिंग उद्योग पर लगाए गए जीएसटी को सकल गेमिंग राजस्व (जीजीआर) पर 18 प्रतिशत से बदलकर 28 प्रतिशत कर दिया है। इससे जीएसटी पर उद्योग का खर्च 350 से 400 प्रतिशत बढ़ गया है। सर्वेक्षण के अनुसार, ऑनलाइन गेम के लिए भागीदारी शुल्क में 30 प्रतिशत की वृद्धि से जुड़ाव में 71 प्रतिशत की गिरावट आ सकती है।
मोबाइल पर खर्च 200 रुपये से भी कम
एक ओर जहां भारत में लोग ओटीटी पर 200 से 400 रुपये खर्च कर रहे हैं। वहीं मोबाइल कंपनियों काप्रति यूजर चार्ज जिसे तकनीकी भाषा में आर्पू कहा जाता है, वह अभी भी 200 रुपये से कम है। सिर्फ एयरटेल का आर्पू 200 रुपये के आसपास है, वहीं वोडाफोन का आर्पू तो 135 रुपये से कुछ अधिक है। वहीं जियो भी प्रति यूजर से 170 से 180 रुपये ही कमा पा रहा है।