Highlights
- दिल्ली में अब 11 रुपये प्रति किलोमीटर हो जाएगा ऑटो का किराया
- पिछली बार साल 2019 में हुई थी ऑटो रिक्शा के किराये में बढ़ोतरी
- CNG के दाम 2019 में 44 रुपये थे जो अब 75 के पार पहुंच चुके हैं
'महंगाई डायन' दिल्ली एनसीआर की जनता को नए दरवाजे से दस्तक दे रही है। दिल्ली में अब जल्द ही ऑटो और टैक्सियों के किराए में जोरदार इजाफा होने जा रहा है। दिल्ली सरकार की किराया समीक्षा समिति ने ऑटो के किराए में प्रति किमी 1.5 रुपये की बढ़ोत्तरी की सिफारिश की है। वहीं टैक्सियों के बेस फेयर में 15 रुपये की बढ़ोत्तरी का प्रस्ताव है। बता दें कि यह बेस फेयर पहले 1.5 किलोमीटर के लिए हैं। इसके बाद प्रति किलोमीटर का चार्ज देना होता है।
कीमतों में वृद्धि दिल्ली के करीब 97,000 ऑटो चालकों को राहत जरूर दे सकता है, लेकिन इसकी सबसे बुरी मार इसकी सवारी करने वाले निम्न और मध्यम वर्ग पर सबसे ज्यादा पड़ेगी। हालांकि लोग मान रहे हैं कि दिल्ली में ज्यादातर ऑटो वाले मीटर से तो चलते नहीं हैं, ऐसे में कागज पर दिख रही बढ़ोत्तरी वास्तव में और भी रुला सकती है।
जानें अब कितना देना होगा किराया
अभी तक जब आप ऑटो में बैठते थे, तो मीटर डाउन होते ही आपको पहले 1.5 किमी. के लिए 25 रुपये देने होते थे, अब यही किराया 30 रुपये हो गया है। इसके अलावा आपसे प्रति किलोमीटर 9.5 रूपये वसूले जाते थे, जो अब 11 रुपये वसूला जाएगा।
टैक्सी में बैठना ज्यादा महंगा
ऑटो के लिए जहां बेस फेयर में 5 रुपये की बढ़ोत्तरी की गई है वहीं टैक्सी के लिए आपको 15 रुपये ज्यादा देने होंगे। टैक्सियों के लिए मीटर डाउन शुल्क अब 25 के बजाय 40 रुपये होगा। वहीं बेसफेयर के बाद नॉन-एसी टैक्सियों के लिए प्रति किलोमीटर किराया 14 रूपये के बजाय 17 रुपये होगा। एसी टैक्सियों के लिए किराय 16 रुपये के बजाय 20 रुपये देने होंगे।
आखिरी बार 2019 में बढ़े थे दाम
दिल्ली सरकार ने इस साल 20 अप्रैल को किराया संशोधन समिति का गठन किया था। पिछली बार 2019 में ऑटोरिक्शा के किराए में बदलाव किया गया था। उस समय पहले 2 किमी के लिए 15 रुपये के बजाय, मीटर डाउन करने पर डेढ़ किलोमीटर के लिए बेस किराया 25 रुपये किया गया था। बाद के प्रत्येक किलोमीटर के लिए किराया 8 रुपये प्रति किलोमीटर से बढ़ाकर 9.5 रुपये प्रति किलोमीटर कर दिया गया। अब किराया 11 रुपये प्रति किलोमीटर हो जाएगा।
दिल्ली में कितने हैं ऑटो टैक्सी
दिल्ली सरकार के अनुसार दिल्ली की सड़कों पर अभी 97 हजार ऑटो हैं। जो दिल्ली के अलावा एनसीआर के शहरों में भी अपनी सेवाएं देते हैं। इसके साथ ही शहर में 12000 काली पीली टैक्सी है। साथ ही इकोनॉमी टैक्सी की संख्या 50 हजार।
CNG की कीमत को देखकर वृद्धि नाकाफी: ऑटो चालक
दिल्ली में ऑटो चलाने वाले राकेश सिंह बताते हैं कि सीएनजी की कीमतों के कारण दिल्ली ऑटो चलाना काफी मुश्किल हो गया है। सीएनजी की कीमतों में बीते एक महीने में 15 रुपये की बढ़ोत्तरी हुई है। आखिरी बार ऑटो का किराया 2019 में तय हुआ था तब सीएनजी के दाम 44 रुपये थे जो अब 75 के पार पहुंच चुके हैं। मजेदार बात यह है कि पिछले महीने 20 अप्रैल को जब कमेटी बनी थी तब सीएनजी की कीमत 71.61 रुपये प्रति किलो थी। 2 जुलाई को, सीएनजी की कीमत 75.61 रुपये प्रति किलोग्राम थी।
मीटर से कब चलते हैं ऑटो वाले: ग्राहक
दिल्ली के सफदरजंग में रहने वाली रूबी बताती हैं कि दिल्ली में ऑटो वाले कभी भी मीटर से नहीं चलते। ऐसे में उनके साथ मोलभाव करना ही पड़ता है। सरकार जो कीमतें तय करती हैं किराया हमेशा उससे 50 प्रतिशत ज्यादा ही होता है। सरकार जब कीमतें बढ़ाती है तो इसके बाद ऑटो वाले मनमाना किराया बढ़ा देते हैं।