Highlights
- एडीबी ने भारत में शहरी सेवाओं के सुधार के लिए 2644.85 करोड़ रुपये का कर्ज मंजूर किया है
- इस राशि का इस्तेमाल केंद्रीय शहरी एवं आवासीय मंत्रालय की नीतियों के क्रियान्वयन में किया जाएगा
- शहरी गरीबों, वंचित समूहों, आर्थिक रूप से कमजोर तबकों और निम्न आय वाले समूहों को लाभ होगा
नयी दिल्ली। एशियाई विकास बैंक (एडीबी) ने भारत में शहरी सेवाओं के सुधार के लिए 2644.85 करोड़ रुपये का कर्ज मंजूर किया है। एडीबी ने बृहस्पतिवार को एक विज्ञप्ति में बताया कि कर्ज की इस राशि का इस्तेमाल केंद्रीय शहरी एवं आवासीय मामलों के मंत्रालय की नीतियों के क्रियान्वयन में किया जाएगा। इस कर्ज से शहरी इलाकों में पाइप से जलापूर्ति और स्वच्छता को सुधारने की योजनाएं चलाई जाएंगी।
ये योजनाएं हाल ही में घोषित 'अमृत 2.0' कार्यक्रम का हिस्सा होंगी। इसके अलावा प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत सभी को आवास मुहैया कराने के लिए चलाई जा रही योजनाएं भी इस राशि से वित्तपोषित की जाएंगी। इन योजनाओं से शहरी गरीबों, वंचित समूहों, आर्थिक रूप से कमजोर तबकों और निम्न आय वाले समूहों को लाभ होगा।
एडीबी के दक्षिण एशिया क्षेत्र के प्रमुख शहरी विकास विशेषज्ञ संजय जोशी ने कहा, "यह ऋण शहरों को आर्थिक रूप से जीवंत एवं टिकाऊ समुदाय के रूप में बदलने के सरकार के एजेंडे का समर्थन करता है। यह बुनियादी शहरी सेवाओं की आपूर्ति में सुधार के लिए एडीबी के भारत के साथ दीर्घकालिक संपर्क का ही हिस्सा है।"
कर्ज के साथ ही एडीबी भारत के शहरी विकास मंत्रालय को योजनाओं के क्रियान्वयन, निगरानी एवं मूल्यांकन में भी सहयोग देगा। यह सहयोग जानकारी एवं परामर्श के रूप में होगा। एडीबी के मुताबिक भारत की मौजूदा शहरी आबादी करीब 46 करोड़ है जो दुनिया में दूसरे नंबर पर है। करीब दो प्रतिशत वार्षिक दर से बढ़ रही शहरी आबादी के वर्ष 2030 तक 60 करोड़ हो जाने का अनुमान है।