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Ashish Chouhan: जानिए कौन हैं आशीष चौहान जो दो दशक बाद करेंगे NSE में वापसी, ये होंगी उनके सामने पहाड़ जैसी चुनौतियां

Ashish Chouhan के परिचय की बात करें तो वे NSE की संस्थापक टीम के सदस्य (Founder Member of NSE) रहे हैं। उन्होंने 2000 में इस एक्सचेंज को छोड़ दिया था।

Written By: Indiatv Paisa Desk
Published on: July 24, 2022 13:19 IST
Ashish Chouhan - India TV Paisa
Photo:FILE Ashish Chouhan

Highlights

  • आशीष चौहान एनएसई की संस्थापक टीम के सदस्य रहे हैं
  • वे रिलायंस इंडस्ट्रीज समूह में कई पदों पर रहे
  • आशीष चौहान दो दशक बाद एनएसई में लौटने के लिए तैयार

Ashish Chouhan:आप यदि शेयर बाजार में पैसा लगाते हैं तो संभव है कि आप आशीष चौहान को नहीं जानते हों, लेकिन शेयर बाजार से जड़े ब्रोकर्स और कारोबारियों के बीच चौहान एक जानी पहचानी शख्सियत हैं। आशीष चौहान इस समय देश के दूसरे सबसे बड़े स्टॉक एक्सचेंज बीएसई के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) हैं। अब चौहान नई जिम्मेदारी संभालने जा रहे हैं। वे लगभग दो दशक बाद देश के सबसे बड़े स्टॉक एक्सचेंज नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) में लौटने के लिए तैयार हैं। आइए जानते हैं आशीष चौहान कौन हैं और चुनौतियों का कौन सा पहाड़ उनका इंतजार कर रहा है।

कौन हैं आशीष चौहान (Who is Ashish Chouhan) 

आशीष चौहान के परिचय की बात करें तो वे एनएसई की संस्थापक टीम के सदस्य रहे हैं। उन्होंने 2000 में इस एक्सचेंज को छोड़ दिया था। इसके बाद वे रिलायंस इंडस्ट्रीज समूह में कई पदों पर रहे। इसने बाद 2009 में एक बार फिर शेयर बाजार में वापसी की और वे 2009 में बीएसई के उप-सीईओ बन कर एक बार ​फुल अपने पुाने क्षेत्र शेयर बाजार में लौटे थे। अपनी कार्यशीलता के बल पर 2012 से वह बीएसई के सीईओ बन गए। तब से वे इसी पद पर कार्यरत हैं। चौहान के नाम को भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्डै (सेबी) की हरी झंडी मिल गई है, लेकिन अभी यह स्पष्ट नहीं है कि वह एक्सचेंज से कब जुड़ेंगे। बीएसई में उनका मौजूदा कार्यकाल नवंबर तक है। वह वहां से इस्तीफा देकर भी एनएसई से जुड़ सकते हैं।

चौहान के सामाने चुनौतियां

विशेषज्ञों का कहना है कि चौहान के लिए एनएसई में काफी चुनौतियां रहेंगी। वह ऐसे समय एनएसई से जुड़ने जा रहे हैं जबकि यह एक्सचेंज कामकाज के संचालन में खामी, को-लोकेशन घोटाले, तकनीकी गडबड़ियों से लेकर फोन-टैपिंग जांच का सामना कर रहा है। कई विशेषज्ञों का कहना है कि चौहान के समक्ष तात्कालिक चुनौती कई तरह के कामकाज के संचालन में खामी और पुराने मुद्दों से निपटने की होगी। 

चौहान लाएंगे NSE का IPO?

चौहान समक्ष एक और बड़ी चुनौती एनएसई का आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) लाने की होगी, जो काफी समय से लटका है। को-लोकेशन घोटाले के बाद एनएसई का सार्वजनिक निर्गम पटरी से उतर गया था। अनिल सुरेंद्र मोदी स्कूल ऑफ कॉमर्स, एनएमआईएमएस-मुंबई के सहायक प्रोफेसर दिवाहर नादर ने कहा कि एनएसई के समक्ष फिलहाल जो चुनौतियां हैं वे बुनियादी हैं और उनसे संरचनात्मक सुधारों से निपटा जा सकता है। 2021 में एक्सचेंज में आई तकनीकी गड़बड़ियां प्रौद्योगिकी में स्थिरता की कमी की वजह से थीं।

ये भी हैं चुनौतियां 

कमोडिटी पार्टिसिपेंट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीपीएआई) के अध्यक्ष नरेंद्र वाधवा ने कहा कि एनएसई के समक्ष जो मुद्दे हैं उनकी प्रकृति रणनीतिक है। उन्होंने कहा कि चौहान के समक्ष अन्य चुनौतियों में नकदी खंड में मात्रा बढ़ाने और एसजीएक्स निफ्टी के गिफ्ट सिटी में सुगमता से स्थानांतरण की होगी। नादर ने कहा कि चौहान के पास बीएसई का सार्वजनिक निर्गम लाने का अनुभव है। वह एनएसई की सूचीबद्धता के लक्ष्य को पूरा कर सकते हैं। 

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