कर्मचारी राज्य बीमा निगम की चिकित्सा लाभ परिषद ने शुक्रवार को लाभार्थियों के लिए स्वास्थ्य सेवा पहुंच बढ़ाने को लेकर आयुष्मान भारत पीएम-जन आरोग्य योजना (जेएवाई) के साथ कर्मचारी राज्य बीमा (ईएसआई) योजना को एक साथ लाने की मंजूरी दे दी। श्रम मंत्रालय ने बयान में कहा कि दोनों योजनाओं को एकीकृत करने का फैसला कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) मुख्यालय में आयोजित चिकित्सा लाभ परिषद की 86वीं बैठक में लिया गया।
12 करोड़ से अधिक गरीब परिवारों को फायदा
बैठक की अध्यक्षता ईएसआईसी के महानिदेशक (डीजी) अशोक कुमार सिंह ने की। आयुष्मान भारत पीएम-जेएवाई दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना है। इसका उद्देश्य 12 करोड़ से अधिक गरीब परिवारों (लगभग 55 करोड़ लाभार्थी) को प्रति वर्ष पांच लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा प्रदान करना है। परिषद ने राज्यों के लिए साझा सहायता मिशन (सीएसएम) के क्रियान्वयन को भी मंजूरी दी। सीएसएम का उद्देश्य बीमित व्यक्ति केंद्रित दृष्टिकोण पर ध्यान केंद्रित करते हुए राज्यों में ईएसआई की चिकित्सा सेवा वितरण प्रणाली में सुधार और मजबूती लाना है।
जागरुकता शिविर शुरू करने को मंजूरी
इसके अलावा, परिषद ने लाभार्थियों के लिए वार्षिक निवारक स्वास्थ्य जांच और जागरुकता शिविर शुरू करने को मंजूरी दी, ताकि जीवनशैली विकारों के जल्द निदान और बीमित व्यक्तियों/महिलाओं/ट्रांसजेंडरों में पोषण संबंधी कमियों का पता लगाने पर ध्यान केंद्रित किया जा सके। सरकार 10 नए ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज स्थापित करेगी और ईएसआई निगम के सदस्यों के लिए बेरोजगारी भत्ता योजना को जून, 2026 तक बढ़ाएगी। ईएसआईसी के बुनियादी ढांचे और चिकित्सा सुविधाओं को और मजबूत करने के लिए कई महत्वपूर्ण फैसले हुए हैं।
सरकार द्वारा 70 साल और उससे अधिक आयु के सभी लोगों के लिए स्वास्थ्य कवरेज शुरू करने की तैयारी के बीच आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना की कार्यान्वयन एजेंसी राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण बुजुर्गों के लिए और अधिक स्वास्थ्य पैकेज जोड़ने की आवश्यकता का आकलन कर रही है। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि विस्तारित योजना इस माह के अंत तक शुरू होने की संभावना है। इससे लगभग 4.5 करोड़ परिवारों के छह करोड़ नागरिकों को लाभ मिलेगा।