अडाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन को लेकर एक और अच्छी खबर आई है। दरअसल, अमेरिकी वित्तीय शोध एवं निवेश कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च के गड़बड़ी व धोखाधड़ी के आरोप लगाने के बाद गौतम अडाणी का समूह निवेशकों के बीच विश्वास बढ़ाने की कोशिश में जुटा है। इसी कड़ी में ग्रुप ने अडाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन (एपीएसईजेड) द्वारा जारी 19.5 करोड़ अमेरिकी डॉलर के अन्य बॉन्ड वापस खरीदेगी।
ग्रुप की वित्तीय स्थिति काफी मजबूत
एपीएसईजेड ने शेयर बाजार को दी जानकारी में बताया कि वह अपने नकदी भंडार का इस्तेमाल करके 2024 में देय 19.5 करोड़ अमेरिकी डॉलर के बॉन्ड वापस खरीदेगी। बयान के अनुसार, कंपनी के निदेशक मंडल ने इसकी मंजूरी दे दी है। कंपनी को कुल 52 करोड़ डॉलर का भुगतान करना था, जिसमें से वह कुल बकाया का 30 प्रतिशत यानी 19.5 करोड़ डॉलर का भुगतान कर रही है। इसके बाद अब 32.5 करोड़ डॉलर बकाया रह जाएंगे। पुन:खरीद के लिए निविदा 26 अक्टूबर तक खुली रहेगी। मई में कंपनी ने 13 करोड़ डॉलर के बॉन्ड की पुन: खरीद की थी, जिससे बकाया राशि 65 करोड़ डॉलर से घटकर 52 करोड़ डॉलर हो गई थी।
हिंडनबर्ग की रिपोर्ट से हुआ था बड़ा नुकसान
हिंडनबर्ग ने अडाणी समूह पर बही-खातों में धोखाधड़ी और शेयरों के भाव में गड़बड़ी के साथ विदेशी इकाइयों के अनुचित उपयोग का आरोप लगाया था। इसके बाद कंपनी के शेयरों में गिरावट आई थी। हालांकि कंपनी ने इन आरोपों को पूरी तरह से खारिज किया है। हालांकि, उसके बार ग्रुप फिर पटरी पर लौट आई है। हाल ही में अडाणी समूह को महाराष्ट्र में स्मार्ट मीटर लगाने का ठेका मिला है। उसे 13,888 करोड़ रुपये के स्मार्ट मीटर लगाने के दो ठेके सार्वजनिक क्षेत्र की बिजली वितरण कंपनी से मिले हैं। उल्लेखनीय है कि विभिन्न कारोबार से जुड़े समूह ने हाल ही मुंबई में बेस्ट अंडरटेकिंग के बिजली वितरण क्षेत्र में स्मार्ट मीटर लगाने के लिये 1,000 करोड़ रुपये का अनुबंध हासिल किया था।