पाकिस्तान में विदेशी मुद्रा भंडार की हालत को देखकर यह आशंका जताई जाने लगी है कि क्या वह समय पर विदेशी ऋण भुगतान कर पायेगा। इसी बीच पाकिस्तान के सॉवरेन बांड में अप्रत्याशित तेजी देखी गई है। जियो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, ब्रोकरेज फर्म आरिफ हबीब लिमिटेड ने ट्वीट किया है कि दिसंबर 2021 से पाकिस्तान का सॉवरेन बांड यील्ड काफी तेजी से बढ़ा है। फर्म का कहना है कि सबसे बड़ी चिंता यह है कि तेजी से घटते विदेशी मुद्रा भंडार के दम पर जुलाई 2022 में परिपक्व होने वाले एक अरब डॉलर के बांड और दिसंबर 2022 में परिपक्व होने वाले एक अरब डॉलर के बांड का भुगतान कैसे होगा।
बांड पर यील्ड बढ़कर 25.17 प्रतिशत हुआ
ब्रोकरेज फर्म का कहना है कि 10 साल का यूरोबांड, जो 15 अप्रैल 2024 को परिपक्व हो रहा है, उसका यील्ड 5.13 प्रतिशत से बढ़कर 25.17 प्रतिशत हो गया है। पाकिस्तान सरकार मौजूदा हालात पर काबू पाने के लिए आईएमएफ से मदद की गुहार लगा रही है। हालांकि, शहबाज शरीफ की सरकार ने बिजली पर दी जाने वाले सब्सिडी को खत्म करने का फैसला नहीं लिया है। यही सब्सिडी आईएमएफ से मिलने वाली मदद के रास्ते का रोड़ा मानी जा रही है।
विदेशी मुद्रा भंडार घटकर 10.2 अरब डॉलर रह गया
पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार 13 मई को समाप्त सप्ताह में घटकर 10.2 अरब डॉलर रह गया है, जो मात्र दो माह के आयात बिल के भुगतान के लिए पर्याप्त है। पाक-कुवैत इन्वेस्टमेंट कंपनी के शोध प्रमुख समीउल्लाह तारिक ने कहा कि बांड यील्ड में तेजी आ रही है क्योंकि पाकिस्तान आईएमएफ प्रोग्राम से बाहर है। आईएमएफ प्रोग्राम के बगैर पाकिस्तान किस तरह विदेशी ऋण का भुगतान करेगा, इसका कोई पता नहीं है।